देवास-इंदौर के बीच चलने वाली बसों में छेड़छाड़ की घटनाएं!

आरटीओ विभाग की अनदेखी किसी दिन बन सकती है बड़ी घटना का कारण

देवास, अग्निपथ। देवास और इंदौर के बीच आवागमन करने वाली बसों में यात्रियों को रोज़ाना न केवल असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि छेडख़ानी जैसी घटनाए हो रही है। इन बसों में यात्रियों का ठूस-ठूसकर भरना, केवल लड़कियों को बैठने का अवसर देना, और तेज़ आवाज़ में फिल्मी गाने बजाकर तेज़ गति से बसों को चलाने से तो यात्रियों की जान पर संकट तो है ही।

नियमित रूप से सफर करने वाली लड़कियों तथा अकेले सफर करने वाली महिलाओं को छेडख़ानी जैसी घटनाओं का सामना भी करना पड़ता है। इस ओर आर टी ओ विभाग की अनदेखी चिंता का विषय है एवं किसी भी दिन बड़ी घटना घटित हो सकती है। बसी में डेली अपडाउन करने वाली लड़कियों एवं महिलाओं को कंडक्टर कैबिन में बैठाया जाता है।

फिर अश्लील वार्तालाप एवं इशारे किए जाते है। यदि आगे केबिन में कोई सीट खाली भी हो ओर पुरूष व वृद्धजन सवारी रास्ते में बैठते है तो कंडैक्टर कहते है कि यह बुक है, पीछे बैठिए। यह हाल सिर्फ एक बस का नही, वरन अधिकांश देवास से इंदौर और इंदौर से देवास चलने वाली बसों में यह स्थिति देखने में आती है। कई बार इस प्रकार के विडियों और फोटो भी सामने आए, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया ।

आरटीओ की लापरवाही जिम्मेदार

आरटीओ विभाग की लापरवाही के कारण इन बसों में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। तेज़ रफ्तार, अव्यवस्थित तरीके से यात्री भरना, और सार्वजनिक सुरक्षा का उल्लंघन करना आम बात हो गई है। हालांकि, विभाग द्वारा कभी-कभी नाममात्र की जांच की जाती है, परंतु यह जाँच अक्सर मात्र खानापूर्ति साबित होती है। इस संदर्भ में कई यात्रियों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर आरटीओ विभाग सख्त कदम उठाये तो इन समस्याओं पर काबू पाया जा सकता था।

सख्त कदम के साथ बारिकी से नजर रखने की जरूरत

अगर इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में छेडख़ानी की घटनाओं में और बढ़ोतरी हो सकती है। लव जिहाद की वारदात भी सामने आ सकती है । इन घटनाओं पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है, ताकि लड़कियों एवं महिला यात्रियों की यात्रा सुगम, सम्मानजनक हो सके।

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