महाकाल मंदिर में सिक्युरिटी टेंडर समाप्त

महाकाल मंदिर में सिक्युरिटी

अगले आदेश तक क्रिस्टल कंपनी को ही संभालना होगी व्यवस्था

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकाल मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था का टेंडर 15 जून को समाप्त हो गया है। हालांकि आगामी व्यवस्था तक सुरक्षा व्यवस्था वर्तमान में तैनात क्रिस्टल कंपनी को ही संभालना होगी।

महाराष्ट्र की क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेज प्रा. लिमिटेड ने जून 2023 में महाकाल मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली थी। टेंडर के मुताबिक कंपनी को दो साल के लिये सुरक्षा व्यवस्था की कमान सौंपी गई थी। इस मान से 15 जून को कंपनी का टेंडर समाप्त हो गया है। हालांकि मंदिर ने अभी तक सिक्युरिटी टेंडर की कोई नई व्यवस्था नहीं की है।

क्रिस्टल कंपनी को दोबारा काम मिलना संभव नहीं

क्रिस्टल कंपनी का पिछले दो साल का जो रिकार्ड रहा है उसके मुताबिक कंपनी को दोबारा काम मिलने की संभावना कम है। वहीं सूत्रों का मानना है कि महाकाल मंदिर समिति द्वारा समय-समय पर लगाये गये जुर्माने के कारण हुए नुकसान के बाद कंपनी अब आगे और काम करने की इच्छुक भी नहीं है।

मंदिर सूत्रों का कहना है कि जुर्माने नियमानुसार ही लगाये गये हैं, क्योंकि कंपनी ने कभी भी नियमों के मुताबिक सेवाएं नहीं दी। मंदिर की जरूरत के मुताबिक सुरक्षा कर्मी उपलब्ध नहीं करवाये, सुरक्षाकर्मियों को समय पर वेतन नहीं दिया, आपराधिक प्रवृत्ति के सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जिनकी वजह से कई बार मंदिर की छबि धूमिल हुई ऐसे कई आरोपों के कारण मंदिर समिति ने क्रिस्टल कंपनी पर जुर्माने की कार्रवाई की है।

नई व्यवस्था तक संभालना होगा काम

इस बाबत सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि नई व्यवस्था होने तक क्रिस्टल कंपनी को ही सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभालना होगा। सुरक्षा व्यवस्था के नये टेंडर की तैयारी चल रही है। एक-दो माह में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।

क्रिस्टल के सुरक्षाकर्मी वेतन के लिये परेशान

महाकाल मंदिर में क्रिस्टल कंपनी के करीब 500 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इन कर्मचारियों को अप्रैल और मई माह का वेतन अभी तक नहीं मिला हैं। इस कारण कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कंपनी द्वारा कर्मचारियों को कहा जा रहा है मंदिर समिति से बिल रुकने के कारण भुगतान में दिक्कत आ रही है। दो महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों की माली हालत काफी खराब हो गई है।

दूसरी ओर उन पर कंपनी के जाने का भय भी सता रहा है। कर्मचारियों को भय है कि कंपनी के जाने से कहीं उनका वेतन नहीं डूब जाये। सहायक प्रशासक जूनवाल ने बताया कि महाकाल मंदिर समिति की ओर से कोई बिल नहीं रोके गये हैं। प्रक्रिया के मुताबिक सभी बिलों का भुगतान हो रहा है। कंपनी के अधिकतर बिल ही देरी से पेश हो रहे हैं।

महाकाल मंदिर समिति के कर्मचारियों को भी नहीं मिला वेतन

इस महीने अभी तक मंदिर समिति के कर्मचारियों को भी वेतन नहीं मिला है। मंदिर समिति के अधीन करीब ३०० कर्मचारी मंदिर में सेवाएं दे रहे हैं। इन कर्मचारियों को भी इस माह अभी तक वेतन नहीं मिला है। बताया जा रहा है ऑडिट आपत्ति के कारण वेतन भुगतान मेें इस महीने देरी हुई है। सूत्रों का मानना है कि वेतन अटकने का एक कारण बढ़े हुए वेतन की एरियर राशि भी है। नियमानुसार कर्मचारियों को वेतन के साथ एरियर राशि भी मिलना है। लेकिन शायद के लिये जिम्मेदार तैयार नहीं है और मामला उलझा हुआ है।