900 से ज्यादा किसानों ने रखी अपनी बात; आपत्ति रखने का अंतिम दिन 18 को
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में बन रही प्रदेश की पहली स्पिरिचुअल सिटी निर्माण के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण प्रभावित किसानों से दावे आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया था। दावे-आपत्ति प्रस्तुत करने की प्रोसेस अंतिम दौर में पहुंच गई है। बुधवार को दावे-आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए अंतिम दिन है। इसके बाद समिति अपनी अनुशंसा आगे भेज देगी।
स्पिरिचुअल सिटी बनाने के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण ने टीडीएस 8, 9 , 10 व 11 के नाम से विकास योजना बनाई है। इसमें किसानों को लैंड पुलिंग का प्रस्ताव दिया गया है। योजना को लेकर प्रभावित किसानों से दावे-आपत्ति और सुझाव मांगे गए थे। 25 मई से शुरू हुई सुनवाई 18 जून तक चलनी थी। अब तक 900 किसानों ने अपने सुझाव व आपत्तियां समिति को दी हैं।
किसान बता रहे हैं कि चारों योजनाओं में करीब 1800 किसान आ रहे हैं। अब शेष किसानों को तय समय में समिति के माध्यम से सुना जाएगा। सुनवाई के उपरांत समिति योजनाओं को लेकर परिवर्तन, सुधार जैसी अनुशंसा यूडीए बोर्ड में प्रस्तुत किया जाएगा। बोर्ड में इन पर निर्णय लिया जाएगा। इसके आधार पर योजनाओं के ले-आउट में बदलाव कर स्वीकृति के लिए नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल को भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति उपरांत फिर से बोर्ड बैठक में रखकर अंतिम प्रस्ताव पर मोहर लगाई जाएगी।
दावे-आपत्ति खारिज होने पर सम्भागायुक्त को अपील
सिंहस्थ भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों द्वारा प्रस्तुत दावे-आपत्तियां की स्थिति गुरुवार तक साफ हो जाएगी। किसान बता रहे हैं कि प्राधिकरण यदि आपत्तियों को निरस्त करता है तो संभागायुक्त के यहां अपील की जाएगी। संभागायुक्त के यहां से निर्णय व अनिर्णय की स्थिति के बाद न्यायालय में अपील की जाएगी। हालांकि किसानों को संभागायुक्त के लिए अपील होने की बात कही जा रही है। दअरसल उज्जैन संभागायुक्त प्राधिकरण अध्यक्ष भी है। ऐसे में निष्पक्ष सुनवाई के लिए इंदौर या भोपाल संभागायुक्त को अधिकार दिए जा सकते हैं।