उज्जैन, अग्निपथ: उज्जैन के चिमनगंज मंडी थाना क्षेत्र स्थित ढाँचा भवन में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। किराए के मकान में रहने वाले एक परिवार के सबसे बड़े बेटे ने मंगलवार दोपहर को फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है और इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मृतक का नाम सोनू (पिता गोविंद सिंह लोधी) है। सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल मौके पर पहुँची और शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया। पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है।
पिता के अचानक जाने का गहरा सदमा
मृतक की माँ राजबाई ने बिलखते हुए बताया कि वे मूलरूप से रायसेन के रहने वाले हैं और करीब 2 साल पहले काम-धंधे की तलाश में उज्जैन आए थे। राजबाई खुद लोगों के घरों में बर्तन माँजने का काम करती हैं, और सोनू की दोनों बहनें भी काम करती हैं। सोनू मजदूरी करके परिवार का सहारा था।
राजबाई ने बताया कि मंगलवार शाम 4:30 बजे जब वह घर लौटीं, तो सोनू घर में था और दरवाज़ा अंदर से बंद था। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी जब दरवाज़ा नहीं खुला, तो उन्होंने खिड़की से झाँका और जो देखा, उससे उनकी चीख निकल गई – सोनू फाँसी के फंदे पर लटका हुआ था। माँ की चीख सुनकर पड़ोसी जमा हो गए। कुछ ही देर में सोनू की दोनों बहनें और छोटा भाई भी पहुँच गए।
पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस की मौजूदगी में खिड़की तोड़कर सोनू को फंदे से उतारा गया और अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
“पिता का लाड़ला था, उनके बिना जीना मुश्किल हो गया था”
मृतक के भाई अनिल ने बताया कि सोनू अपने पिता का बहुत लाड़ला था। लगभग छह महीने पहले पिता की अचानक हार्ट अटैक से हुई मौत ने उसे भीतर तक तोड़ दिया था। अनिल ने बताया कि पिता की चिता की राख़ सोनू ने अपने शरीर पर लगा ली थी, और उस दिन के बाद से वह गहरे डिप्रेशन में चला गया था। वह हर पल अपने पिता को याद करता रहता था और उनकी कमी उसे कचोटती रहती थी। इसी मानसिक पीड़ा के चलते सोनू ने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
बुधवार सुबह चिमनगंज मंडी पुलिस ने सोनू के शव का पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम रूम के बाहर माँ राजबाई और उनकी दोनों बहनें बिलख-बिलख कर रो रही थीं। माँ ने बताया कि सोनू सबसे बड़ा था और उसकी शादी भी नहीं हुई थी। इस घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।