रुनिजा (बड़नगर), अग्निपथ। मध्यप्रदेश में अभी भले ही मानसून पूरी तरह से सक्रिय न हुआ हो, लेकिन रुनिजा क्षेत्र में प्री-मानसून की अच्छी और झमाझम बारिश ने किसानों को राहत दी है। इसके बावजूद, दिन और रात में अभी भी कूलर-पंखे चलाने पड़ रहे हैं, जो गर्मी के लगातार बने रहने का संकेत है।
गत 12-13 जून के बाद से रुनिजा क्षेत्र में लगातार, कभी कम तो कभी ज्यादा, बारिश हो रही है। रुनिजा, माधवपुरा, गजनीखेड़ी, खेड़ावदा, बड़गावा, सुंदराबाद और आसपास के गांवों में अन्नदाता खरीफ फसल की बुवाई में जुट गए हैं। शनिवार तक क्षेत्र के अधिकांश किसान सोयाबीन की बोवनी को लेकर व्यस्त हो गए। कहीं-कहीं किसान खाद व दवाई मिलाकर बीज उपचार करते नजर आए, तो कहीं ट्रैक्टरों पर बीज की बोरियां रख कर खेतों की ओर चल पड़े। जिन खेतों में पानी का जमाव नहीं हुआ, वहां बोवनी भी अच्छी हुई है।
किसानों ने बताया कि मई में हुई मावठे की बारिश के बाद से ही खेत पूरी तरह से खरीफ फसल सोयाबीन की बोवनी के लिए तैयार कर लिए थे। बस बारिश का इंतजार था, और अब अच्छी बारिश होने के बाद सोयाबीन की बोवनी का कार्य पूरा हो गया है। माधवपुरा के प्रगतिशील किसान व कृषक मित्र सतीश नागर ने बताया कि क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से सभी किसान भाई सोयाबीन की बोवनी के कार्य में जुट गए हैं। 13-14 जून से प्रारंभ हुई बोवनी लगभग अपने अंतिम चरण पर चल रही है। क्षेत्र में 70 से 75 प्रतिशत सोयाबीन की बोवनी का कार्य हो चुका है। साथ ही, लगातार हो रही बारिश ने बोवनी को और भी लाभदायक बना दिया है।
कुछ किसानों से चर्चा करने पर पता चला कि 80 प्रतिशत जमीन पर सोयाबीन की विभिन्न वैरायटी लगाई गई हैं। इस बार किसानों का रुख नई वैरायटियों की ओर अधिक रहा है। मुख्य रूप से किसान बाजार से बीज खरीदने के बजाय खुद का बीज तैयार करने में अधिक विश्वास रखते हैं। वे पहले से ही उसका अंकुरण परीक्षण कर बीज उपचार दवाई से उपचारित कर तैयार कर लेते हैं, ताकि बोते समय समय की बचत हो सके।
कृषि में मशीनीकरण का बढ़ता प्रभाव
विगत कुछ वर्षों से बैलों से होने वाली खेती लगभग समाप्त हो गई है। सारे कार्य अब कृषि यंत्रों व ट्रैक्टर से हो रहे हैं। जिन किसानों के पास खुद का ट्रैक्टर है, उन्होंने दो-तीन दिन में ही अपनी सोयाबीन की बोवनी समाप्त कर ली है, जबकि जिनके पास स्वयं का साधन नहीं है, वे 400 रुपये प्रति बीघा के भाव से ट्रैक्टर से बोवनी का कार्य करवा रहे हैं।
कुछ क्षेत्रों में अभी भी बारिश का इंतजार
वैसे रुनिजा और आसपास के क्षेत्र में अच्छी बारिश हो गई है, पर तहसील में अभी तक मात्र 20 एमएम (1 इंच से भी कम) बारिश हुई है। बड़नगर के अलावा पिरझलार, लोहाना आदि क्षेत्रों में किसानों को अभी भी झमाझम बारिश का इंतजार है। उसके बाद ही वहां बोवनी हो सकेगी।
कृषि विस्तार अधिकारी की सलाह
कृषि विस्तार अधिकारी रुनिजा के शानू पांडेय ने उन किसानों को सलाह दी है जहां बारिश बोवनी लायक नहीं हुई है, वे अभी बोवनी न करें। उन्होंने कहा, “तीन इंच अंदर तक जमीन गीली होने पर ही बोवनी करें।”
किसानों द्वारा अपनाई जा रही नई किस्में
किसान 14 जून से 16 जून तक बोवनी करते रहे, और उसके बाद भी लगातार बारिश हो रही है। कुछ खेतों में अभी भी वराप न होने और जल जमाव की वजह से बोवनी नहीं हो पाई है। इस बार नई वैरायटी की सोयाबीन बीज की बोवनी हुई है, जिसमें 2433, 2303 और एनआरसी 150 बीजों की बोवनी की गई है।