पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर ठेकेदार के साथ काम कर रहा था, परिवार को आर्थिक सहायता की मांग
उज्जैन, अग्निपथ। कान्ह डायवर्षण प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कार्य के तहत सुपरविजन कर रहे सुपरवाइजर की गुरूवार दोपहर 20 फ़ीट गहरे गड्ढे में गिरने से मौत हो गई। उनके साथ एक अन्य श्रमिक भी गड्ढे में गिरा था जो गंभीर घायल है और चरक अस्पताल में उसका उपचार किया जा रहा है। पुलिस मृतक के शव को कब्जे में लेकर मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया है।
गुरुवार दोपहर कान्ह डायवर्षण प्रोजेक्ट के तहत चल रहे काम के दौरान जमालपुरा के समीप हादसा हो गया। यहां सुपरवाइजर का काम करने वाले याक़ूब पिता रफीक कुरैशी निवासी बेगम बाग कॉलोनी की 20 फ़ीट गड्ढे में गिरने से सिर में गहरी चोट आई, उन्हें गिरता देख मदद के लिए आगे आया दिल्ली का एक श्रमिक कमल चौधरी भी पैर फिसलने से गड्ढे में गिर गया। अन्य श्रमिकों ने उन्हें बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया जहां उपचार के दौरान देर रात याक़ूब की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया। साथी कमल चौधरी अस्पताल में भर्ती है।
मृतक याक़ूब के रिश्तेदार जाबिर हाज़ी ने आरोप लगाया कि पोककलेन मशीन के चालक की लापरवाही से हादसा हुआ है। मृतक के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। निर्माण श्रमिकों का बीमा भी नहीं है।
पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर कर रहा था काम
कान्ह डायवर्शन का मुख्य कॉन्ट्रैक्ट रिवरबोल्ड हाइड्रो पावर लिमिटेड कम्पनी के पास है। कम्पनी के प्रबंधक केपी सिंह ने बताया कान्ह डायवर्शन में 200 श्रमिक काम कर रहे हैं जिनका बीमा किया गया है। लेकिन याक़ूब पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर था। रिवर्स बोल्ट के द्वारा मनोज नामक ठेकेदार को पेटी कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। मनोज ने शिवपाल को पेटी कॉन्ट्रैक्ट दिया। शिवपाल के साथ याक़ूब साझेदारी में काम कर रहा था। केपी सिंह के मुताबिक रिवरबोल्ट को यह कान्हा डायवर्शन का कॉन्ट्रैक्ट 900 करोड़ में मिला है।