ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की मांग तेज़!
देवास, अग्निपथ। देवास में वार्ड क्रमांक 17, रसूलपुर से छोटा टिगरिया तक बनने वाली 7 किलोमीटर लंबी डामरीकरण सड़क पिछले ढाई साल से अधूरी पड़ी है, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। यह सड़क अब स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है, और इसकी खस्ताहालत को लेकर ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई की मांग तेज़ हो गई है।
राजनीतिक दबाव में निरस्त हुआ ठेकेदार को टर्मिनेट करने का आदेश!
यह सड़क दिसंबर 2022 में 4 करोड़ 62 लाख रुपये की लागत से मोहित अग्रवाल नामक ठेकेदार को आवंटित की गई थी। निर्माण कार्य रसूलपुर से शुरू हुआ, लेकिन आरोप है कि वहाँ भी घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिसके चलते सड़क कुछ ही महीनों में जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई।
लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदार को टर्मिनेट भी कर दिया था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि राजनीतिक दबाव के चलते भोपाल से यह आदेश निरस्त करवा लिया गया! आदेश निरस्त होने के बावजूद, निर्माण कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई है, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
अधूरी सड़क बनी दुर्घटनाओं का गढ़, दो विधानसभा क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि मौन?
ग्रामीणों का कहना है कि अधूरी सड़क पर पड़ी गिट्टी के कारण दोपहिया वाहन चालक अक्सर दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। कई बार लोक निर्माण विभाग में शिकायत करने के बावजूद, विभागीय अधिकारियों और इंजीनियरों ने कोई संज्ञान नहीं लिया।
यह सड़क दो विधानसभा क्षेत्रों – देवास (विधायक गायत्रीराजे पवार) और हाटपिपल्या (विधायक मनोज चौधरी) – के अंतर्गत आती है। इसके बावजूद, वर्षों से अधूरी पड़ी यह सड़क जनता के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
नेशनल यूनिटी ग्रुप ने उठाई आवाज़: ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की मांग
सामाजिक संस्था नेशनल यूनिटी ग्रुप के संस्थापक अनिल सिंह ठाकुर ने इस पूरे मामले पर आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने और अन्य पदाधिकारियों – सुनील सिंह ठाकुर, हटे सिंह दरबार, खुमान सिंह बैंस, प्रकाश सिंह मामा, लक्ष्मण सिंह ठाकुर, जितेंद्र मारू, सुनील वर्मा, सीताराम योगी, गुरु मसाले वाला, रवि ठाकुर, रफीक पठान, सुभाष वर्मा – ने लोक निर्माण विभाग के मुख्य कार्यपालन यंत्री से सख्त मांग की है।
उनकी प्रमुख मांगें हैं:
- ठेकेदार को तत्काल ब्लैकलिस्ट किया जाए।
- जल्द से जल्द उच्च गुणवत्ता की डामरीकरण सड़क का निर्माण कराया जाए।
ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करेगा और उन्हें इस नारकीय सड़क से निजात दिलाएगा।