इंदौर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से इंदौर में पति और पत्नी की हुई है। संभवत: नकली इंजेक्शन से कोरोना संक्रमित की मौत का पहला मामला है। इसका खुलासा आरोपियों की फोटो सार्वजनिक होने के बाद हुई है। जिस व्यक्ति ने इंजेक्शन खरीदा था, उसने इसकी शिकायत पुलिस से की है। वहीं, इंदौर के विजय नगर क्षेत्र में पकड़े गए 11 आरोपियों में से 6 पर रासुका की कार्रवाई की गई है।
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से मौत के संबंध में रविवार को नगर सुरक्षा समिति सदस्यों के माध्यम से एक युवक ने पुलिस से संपर्क किया है। उसने विजय नगर पुलिस को बताया कि दोस्त के संक्रमित पिता और मां के लिए बैच नं.246039-ए वाला इंजेक्शन खरीदा था। इंजेक्शन लगाने के बाद दोनों की मौत हो गई। घटना 15 दिन पुरानी है। युवक ने अखबारों में नकली रेमडेसिविर बेचने वालों की फोटो छपी थी। उसने एक आरोपी को पहचान ली, जिससे उसने इंजेक्शन खरीदे थे। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। आरोपी, युवक और इंजेक्शन से मरने वाले दंपती का नाम उजागर नहीं किया है।
थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया, इंदौर सहित प्रदेश में कहां-कहां पर उन्होंने नकली इंजेक्शन बेचे हैं, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस उन अस्पतालों की जानकारी जुटा रही है, जहां बैच नं.246039-ए के रेमडेसिविर का उपयोग हुआ।
आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नकली रेमडेसिविर बेचने वालों की कॉल डिटेल निकाली जाए। यदि उसमें से कोई भी पीड़ित यह शिकायत करता है, नकली इंजेक्शन से मौत हुई है तो आरोपी पर 304 ए गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया जाए।
नकली इंजेक्शन बेचने वालों के घर जमींदोज होंगे
रविवार को आईजी ने स्पष्ट कर दिया था कि नकली इंजेक्शन बेचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उनकी संपत्ति का ब्योरा भी निकाला जाए। आरोपियों के घरों को जमींदोज भी किया जाएगा। वहीं, जिला प्रशासन द्वारा लगातार पकड़े गए आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई की जा रही है।
डॉक्टर बोले- शुगर लेवल बढ़ जाने से मौत हो सकती है
इंदौर के डॉक्टर राजीव संघवी ने कहा, मरीज को जो ग्लूकोज की बोतल चढ़ाई जाती है उसमें मात्रा 5 से 10% ग्लूकोज होता है, बाकी पानी। अगर नकली इंजेक्शन सिर्फ ग्लूकोज भरा होता था तो वह मरीज के शरीर में जाकर उसका शुगर लेवल 600 से 700 बढ़ा सकता है। इस स्थिति में यह मरीज के मौत का कारण बन सकता है। ग्लूकोज में पानी की मिलावट का ध्यान रखना जरूरी होता है।
इंदौर में अब तक रेमडेसिविर बेचते ये भी पकड़े गए
- विजय नगर ने सूरज से इंदौर लाकर नकली इंजेक्शन में 11 आरोपियों को पकड़ा था, जिसमें से 6 पर रासुका लगाई जा चुकी है।
- एसटीएफ ने चिड़ियाघर के पास रेमडेसिविर बेच रहे एमआर राजेश पिता जगदीश पाटीदार निवासी राऊ और उसके दोस्त ज्ञानेश्वर पिता धनराज बारसकर निवासी भमौरी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में कबूल किया है, ये इंजेक्शन वे विजयनगर स्थित राज मेडिकल के अनुराग पिता घनश्याम सिंह निवासी स्कीम 114 से खरीद कर लाए थे। तीनों से 12 इंजेक्शन जब्त किए गए थे।
- पीथमपुर स्थित फार्मा कंपनी इपोक के मालिक डॉक्टर विनय शंकर त्रिपाठी निवासी रानीबाग से 20 लाख रुपए के 400 इंजेक्शन जब्त किए गए थे। क्राइम ब्रांच एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर के अनुसार वह हिमाचल में अवैध रूप से इंजेक्शन बनाकर यहां बेचने लाया था।
- 10 दिन पूर्व सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में पीड़ित पक्ष ने नर्स पर इंजेक्शन बेचने का आरोप लगाया गया था। उसका भी वीडियो वायरल हुआ था, लेकिन मामले में कार्रवाई नहीं हुई।
- राजेंद्र नगर पुलिस ने नीलेश नाम के व्यक्ति को रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते पकड़ा था। उसने पीड़ित परिवार से इंजेक्शन देने के लिए 22 हजार रुपए में सौदा किया था।
- रविवार को राजेंद्रनगर थाना पुलिस ने बारोड अस्पताल की नर्स कविता चौहान,डॉक्टर भूपेंद्र परमार और एमआर शुभम को गिरफ्तार किया था ।कविता ने कहा इंजेक्शन 35 हजार रुपये में देगी। उसने कहा एक इंजेक्शन बिक गया है
- सोमवार को कनाडिया थाना क्षेत्र में रेमडेसिविर के 2 इंजेक्शन के साथ लैब टेक्नीशियन को पकड़ा गया है। वह दो इंजेक्शन जरूरतमंद मरीज के परिजन को 52 हजार रुपए में बेच रहा था।