उज्जैन। देश भर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जिस तरह से तबाही मचाई है उसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में 18 -18 घंटे अपनी सेवा दे रहे पुलिसकर्मी भी इसकी चपेट में आने से अछूते नहीं रहे है। लगातार अपने परिवार से दूर रहकर कोरोना मरीजों की सेवा और शहर में कोरोना कर्फ्यू का पालन करवाने में दिन भर निकल जाता है।
पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान तनाव महसूस नहीं करे इसके लिए CSP पल्लवी शुक्ला ने चौराहे पर माइक की व्यवस्था करवाकर अपने अधीनस्थ कर्मियों के साथ स्वर ताल से समां बांध दिया। फिल्मी गानों पर पुलिसकर्मियों को इस जंग से जीत जाने के लिए प्रोत्साहित भी किया। वहीं एक आरक्षक ने रोमांटिक गाने सुना कर समां बांध दिया।
दरअसल कोरोना महामारी से जूझ रहे मरीजों के लिए डाक्टरों ने संगीत थैरेपी को भी इलाज के रूप में लिया है। कई जगह से तस्वीरें भी देखने को मिली है जहां अस्पताल में डॉक्टर अपने मरीजों को संगीत के माध्यम से मोटिवेट कर रहे हैं। उज्जैन में CSP पल्लवी शुक्ला ने बीते साल भी संगीत के माध्यम से पुलिसकर्मियों को तनाव दूर करने और ड्यूटी के दौरान खुशनुमा माहौल देने के लिए संगीत का सहारा लिया था।
इस बार जब कोरोना की दूसरी लहर कई लोगों की जिंदगी लील रही है। चौराहे चौराहे, अस्पताल, थाना समेत कई जगह पर पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी दे रहे है। ऐसे में पल्लवी शुक्ला ने एक बार फिर पुलिसकर्मियों को मोटिवेट करने और तनाव दूर करने के लिए संगीत का सहारा लिया है। महाकाल थाना अंतर्गत गुदरी चौराहे पर अपने 10 से अधिक पुलिस जवान और महाकाल थाना प्रभारी अरविन्द तोमर के साथ गीत संगीत से समां बांधा।
CSP पल्लवी शुक्ला ने बताया कि पुलिसकर्मियों और चौराहे पर रहने वाले लोग जो अपने घर में कैद है उनके मोटिवेशन के लिए फिल्मी गानों का सहारा ले रहे हैं। आरक्षक विकास पाठक ने अपने जमाने की रोमांटिक फिल्म आशिकी के मधुर गीत सुनाये तो CSP शुक्ला ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए आम लोगों की हिम्मत बंधाई और फिल्म मेरी जंग का गाना जिंदगी हर कदम एक नई जंग है… सुनाया।