प्रदेश के 93 निजी अस्पतालों में भी इलाज करा सकेंगे सरकारी कर्मचारी

 सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त मिलेगी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शासकीय सेवकों को पूर्व में निजी चिकित्सालयों में उपचार करवाने पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति नहीं हो पाती थी।
  • जांच व इलाज के बाद कर्मचारी रिफंड भी ले सकता है
  • शिवराज सिंह चौहान ने लिया निर्णय, त्योहार के पहले मिलेंगे पैसे

मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि शासकीय सेवकों को पूर्व में निजी चिकित्सालयों में उपचार करवाने पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति नहीं हो पाती थी। अब शासकीय अधिकारी-कर्मचारी विभिन्न बीमारियों का उपचार शासन द्वारा चिन्हित निजी चिकित्सालयों में करवा कर चिकित्सा प्रतिपूर्ति भी प्राप्त कर सकेंगे।

यह होगा फायदा

गंभीर बीमारियों में किडनी ट्रांसप्लांट, होमो डायलसिस, कैंसर, हिप-नी-एल्बो शोल्डर आंशिक रिप्लेसमेंट, मेमोग्राफी, एमआरआई, सीटी स्कैन, कॉकलियर इंप्लांट, हृदय रोग, हेड इनज्युरी, न्यूरो सर्जरी, स्पाइनल सर्जरी है। इसके साथ ही अन्य बीमारियों का इलाज और जांच करवाई जा सकेगी। जांच एवं इलाज के बाद शासकीय कर्मी अपने विभाग में चिकित्सा रिफंड भी ले सकेगा।

कर्मचारियों को त्यौहार अग्रिम और एरियर्स भुगतान

शिवराज ने कहा कि प्रदेश के शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों को दीपावली से पहले एरियर्स और त्यौहार अग्रिम उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। शासन द्वारा सातवें वेतन की तीसरी किश्त का 25% और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 10 हजार रुपए त्याेहार अग्रिम देने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। विभिन्न विभागों के अधिकारियो-कर्मचारियों को यह राशि दीपावली के पहले मिल जाएगी।

कर्मचारियों को मिलेंगे 775 करोड़

त्याेहार के अग्रिम देयक कोषालय में ऑफ लाइन लगेंगे, जिससे समय पर कर्मचारियों को त्याेहार अग्रिम मिल जाए। सातवें वेतनमान के एरियर्स की राशि भुगतान की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। इस प्रकार दिवाली के पूर्व 775 करोड़ रुपए अधिकारी-कर्मचारियों को मिलेंगे। इसके अतिरिक्त निगम मंडल के कर्मचारियों को भी त्यौहार अग्रिम और एरियर्स के भुगतान के लिए 150 करोड़ की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।

आपदा कोविड-19 की जांच व उपचार में भी सुविधा

शासन के शासकीय कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्य, जो कोविड-19 से संक्रमित होते हैं, उनके इलाज के लिए मध्य प्रदेश के समस्त जिलों के अशासकीय निजी चिकित्सालय ( नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीकृत निजी चिकित्सालय) को भी स्वीकृति दी गई है। इन अस्पतालों में उपचार के बाद चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति होगी।

शासकीय सेवक कोविड-19 इलाज के चिकित्सा देयक अपने विभाग के माध्यम से जिले के सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक मध्यप्रदेश के प्रतिहस्ताक्षर कराने के उपरांत शासकीय सेवक के संबंधित विभाग द्वारा ऐसे चिकित्सा देयकों में नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही किए जाने के आदेश भी पूर्व में जारी किए जा चुके हैं।

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