नई दिल्ली। महीनों दिल्ली की बॉर्डर घेरकर बैठे किसानों ने शनिवार को आंदोलन में जान फूंकने की कोशिश की। पूरे पंजाब से हजारों किसान मोहाली के रास्ते चंडीगढ़ पहुंचे तो हरियाणा के किसानों ने पंचकूला के रास्ते चंडीगढ़ में प्रवेश किया। इसके बाद आंदोलन की शुरुआत हुई। आंदोलन करते हुए किसान चंडीगढ़ के करीब 6 से 7 किलोमीटर अंदर घुस गए। हालांकि, राजभवन के पास पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
किसानों ने गवर्नर के नाम ज्ञापन डीसी को दिया और वहां से वापस लौट गए। किसानों का संयुक्त मोर्चे ने कहा था कि उनका मार्च शांतिपूर्ण रहेगा, पर कई जगहों पर किसानों ने बैरिकेड्स तोड़े और पुलिस ने उन पर पानी की बौछारें कीं। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे कुछ किसान घायल भी हो गए।
7 महीने से प्रधानमंत्री हमारी बात नहीं सुन रहे: किसान मोर्चा
किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को पास कर दिया है। इन्हें हटाने के लिए प्रधानमंत्री और मंत्रियों को पिछले 7 महीने से ज्यादा समय से कहा जा रहा है, लेकिन कोई बात सुन नहीं रहा। किसानों ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना चाहिए नहीं तो इसी तरह के प्रदर्शन जारी रहेंगे।