नई दिल्ली। आज सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर ओडिशा के तट पर डॉ अब्दुल कलाम टापू पर अग्नि सिरीज की एक नई मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया गया। नई परमाणु-सक्षम मिसाइल पूरी तरह से कम्पोजिट मैटिरियल से बनी हुई है। खबर है कि परीक्षण के दौरान मिसाइल सभी पैमानों पर सटीक पाई गई है। हालांकि,कहा जा रहा है कि इस परीक्षण को देखते हुए विश्व के कई देश नाराजगी जाहिर कर सकते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के विकसित न्यूक्लिअर क्षमता वाले इस मिसाइल की रेंज 1 हजार से 2 हजार किलोमीटर तक की है यानि इससे दुश्मनों के वॉरशिप 2,000 किलोमीटर दूर तक ध्वस्त किए जा सकेंगे। अग्नि-प्राइम परमाणु हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है। ऐसे में ना जा रहा है कि अग्नि-प्राइम मिसाइल को जल्द ही सेना में शामिल किया जा सकता है। बता दें कि भारत ने पहली बार साल 1989 में अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया था। उस समय अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता तकरीबन 700 से 900 किलोमीटर थी। इसके बाद साल 2004 में इसे भारतीय सेना में शामिल किया गया था।
India successfully test-fired the Agni-Prime missile today, off the coast of Odisha.
It can hit targets up to a range of 2000 kms, & is very short & light in comparison with other missiles in this class. A lot of new technologies incorporated in the new missile: DRDO officials pic.twitter.com/zq7ffypqFM
— ANI (@ANI) June 28, 2021
क्या खास है मिसाइल अग्नि-प्राइम में?
सबसे बड़ी चीज, इस मिसाइल की रेंज 1 हजार से 2 हजार किलोमीटर तक है। अग्नि प्राइम मिसाइल को एडवांस रिंग लेजर गैरोंस्कोप पर आधारित नेविगेशन सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाता है। ये 2 स्टेज और सॉलि़ड फ्यूल पर आधारित मिसाइल है। इसका गाइडेड सिस्टम इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्यूटर से लैस है। सिंगल स्टेज वाले अग्नि 1 के विपरीत डबल स्टेज वाले अग्नि प्राइम को सड़क और मोबाइल लांचर दोनों से दागा जा सकता है।
गौरतलब है कि मेक इन इंडिया के तहत भारतीय वैज्ञानिक स्वदेशी ज्ञान कौशल से निर्मित मिसाइलों का निर्माण उनके कल पुर्जों का निर्माण उनके टेक्नोलॉजी का निर्माण खुद करने लगे हैं। आज के परीक्षण से भारत को मिसाइल क्षेत्र में मानो महारथ हासिल हुई है।