देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को परमिशन देने पर विचार करने की बात कही है। इस बीच राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कांवड़ यात्रा को मंजूरी न दिए जाने की मांग की है। आईएमए की उत्तराखंड यूनिट ने कहा कि ऐसा करने से कोरोना की तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है। आईएमए उत्तराखंड के सचिव अजय खन्ना की ओर से लिए गए पत्र में कहा गया है, ‘हमारी आपसे अपील है कि कांवड़ यात्रा को मंजूरी न दें। देश के तमाम एक्सपर्ट्स ने कहा है कि जुलाई और अगस्त के दौरान कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।’
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि देश में कोरोना की पहली लहर के कमजोर पड़ने के बाद हमने लापरवाही बरतना शुरू कर दिया था। हमने केंद्र सरकार की ओर से तय की गई गाइडलाइंस को फॉलो करना बंद कर दिया था और उसके चलते ही दूसरी लहर ने दस्तक दी थी, जिसके चलते तेजी से केसों में इजाफा हुआ था। इसी दौरान हमने बड़ी संख्या में अपने परिजनों को खोया था और अब एक बार फिर से ऐसा ही संकट पैदा हो सकता है।
राज्य में कांवड़ यात्रियों को न मिले एंट्री, वरना आएगी तीसरी लहर
एसोसिएशन ने कहा, ‘पिछले अनुभवों से सीखते हुए हमें कांवड़ यात्रियों को उत्तराखंड की सीमा में एंट्री की परमिशन नहीं देनी चाहिए। हमें राज्य को कोरोना की तीसरी लहर से बचाकर रखना होगा। यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना से बचाव के लिए नियमों का पालन न किए जाने को लेकर चिंता जताई है।’
कुंभ मेले के लिए भी हुई थी उत्तराखंड सरकार की आलोचना
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि हमारी इस मांग को ध्यान में रखते हुए आप राज्य के हित में फैसला लें। बता दें कि इसी साल उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में बड़े पैमाने पर कोरोना के केस मिले थे और इसके लिए सरकार की आलोचना भी हुई थी। यही नहीं कोरोना की दूसरी लहर के तेज होने के पीछे राज्यों के विधानसभा चुनाव, पंचायत इलेक्शन और कुंभ मेले को जिम्मेदार माना गया था।