आवासीय पट्टे देने के नाम पर बेशकीमती शासकीय जमीन को बेच रहे अधिकारी कर्मचारी…!

वर्ष 2018 में एक भी पात्र हितग्राही नहीं था, अब 450 के नाम सूची में

सुसनेर, अग्निपथ। शासन के आदेश की आड़ में नगर में आवासीय पट्टे देने के नाम पर आपात्र लोगों को शासकीय जमीन बेचने के आरोप लग रहे हैं। खास बात यह है कि पट्टे देने के लिए भेजी गई सूची में उन लोगों को भी शामिल किया गया है जिनके परिवार के नाम पर पहले से ही लाखों की संपत्ति है। पुरानी तारीख के आधार पर बनी इस नई सूची से पहले नगर परिषद खुद जिला योजना अधिकारी को यह जानकारी भेज चुकी थी कि नगरीय क्षेत्र में आवासीय पट्टे के लिए एक भी पात्र हितग्राही नहीं है।

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 117/2013/शा-09/पट्टा/भोपाल दिनांक 07/07/2021 को हथियार बनाकर सुसनेर नगरीय क्षेत्र में राजस्व एवं नगर परिषद के अधिकारी कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा रुपये लेकर एवं आगामी नगरीय निकाय चुनाव के हित साधकर आसपास के गांवों एवं नगरीय क्षेत्र के अपात्र लोगों शासकीय भूमि पर पट्टे देेने की तैयारी की जा रही है। 300 से अधिक अपात्रों को भूमिहीन बताकर खाली जमीन पर उनके 31 दिसम्बर 2014 से पूर्व मकान कागजों में दर्शाकर शासकीय जमीन पर चूने व गड्डो की लाइनें बनवाकर तथा पर्दे त्रिपाल आदि से कब्जा करवाया गया है।

राजस्व एवं नगर परिषद के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सर्वे दल से पात्र करवा कर जल्द ही पट्टे देने की तैयारी में सुसनेर क्षेत्र का शासन प्रशासन कर रहा है। वहीं पात्र लोगों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है।

छह माह में शून्य से 450 हो गए पात्र

आवासीय पट्टे के लिए मांगी गई जानकारी में नगर परिषद सुसनेर ने 20 फरवरी 2018 को जिला योजना अधिकारी को नगरीय क्षेत्र एक भी आवासीय पट्टे का पात्र हितग्राही नहीं होने की जानकारी दी थी। वहीं 6 माह बाद ही पुन: भेजी गई जानकारी में 450 से अधिक लोगो की आवासीय पात्र पट्टे की सूची नगर परिषद द्वारा जिले में भेजी गई थी। उस समय तत्कालीन कांग्रेस सरकार में नगर परिषद चुनाव को नजदीक देखकर कर उक्त सूची बनाकर भेजी गई थी। जिसमे विपक्षी भाजपा समर्थक लोगों के नामों को दरकिनार किया गया था। जिसमें से 300 से अधिक लोगों को शासन पट्टे देने की तैयारी में था।

बड़ा सवाल

आवासीय पट्टे वितरण की गाइडलाइन अनुसार 31 दिसंबर 2014 से पूर्व शासकीय भूमि पर काबिज लोगों को ही योजना का लाभ दिया जाना था। नगर परिषद द्वारा भेजी गई 20 फरवरी 2018 के अनुसार एक भी पात्र व्यक्ति उक्त श्रेणी में नहीं आया था फिर 6 माह में ही इतने ज्यादा नाम कहां से सूची में दर्ज किए गए। उक्त मामले की शिकायत होने पर उस समय पट्टा वितरण का कार्य नहीं हो सका था। वहीं अब इसी सूची के आधार पर फिर से कैसे पट्टा वितरण करने की तैयारी हो रही है।

हाईकोर्ट, ईओडब्ल्यू में जाने की तैयारी

पट्टा पाने की सूची से बाहर पात्र हितग्राहियों में से कुछ लोग अब इस मामले को जनहित याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, कुछ वंचित पात्र लोग ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

इनका कहना

हमें जिला मुख्यालय से आवासीय पट्टे की सूची इस निर्देश के साथ मिली है कि इस सूची में से किसी मृत्यु तो नहीं हुई है। हम बस इसी निर्देश के आधार पर जिले से अनुमोदिन के आधार पर पट्टा वितरण की कार्यवाही करेंगे। – केएल यादव, एसडीएम एवं प्रशासक, नगर परिषद सुसनेर

हमें नगर परिषद एवं एसडीएम के यहां से ही उक्त सूची पूर्व में सबके हस्ताक्षर से भेजी गई थी। उसी सूची को हमने अनुमोदित करके भेजा है और 2017 की सूची में जिनके नाम थे वो 2019 में कैसे कटे ये वो ही बताएंगे। क्योंकि पट्टे पर हस्ताक्षर एसडीएम के ही होंगे। – एस कुमार, परियोजना अधिकारी, डूडा, आगर मालवा

अभी जो सूची पहले भेजी थी आवासीय पट्टे की उसी का सर्वे चल रहा है कि उसमे कौन जीवित है किनकी मृत्यु हुई है। बाकी छूटे लोगो के नामों का सर्वे बाद में किया जावेगा। – देवेंद्र दानगढ़, नायब तहसीलदार एवं सर्वे प्रभारी, सुसनेर

प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को नगर के अन्य भूमिहीन एवं आवासहीन तथा 31 दिसम्बर 2014 से पहले से काबिज अन्य पात्र हितग्राहियों को भी इस योजना का लाभ दिया जाना चाहिए। इसमें बिना भेदभाव एवं राजनीतिक द्वेषता के सभी पात्र लोगों को पट्टे मिलना चाहिए। – विष्णु भावसार, सामाजिक कार्यकर्ता, सुसनेर

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