जावरा, अग्निपथ। लहसुन मंडी में व्यापारियों के मनमाने फैसले से छोटे किसान परेशान हैं। दरअसल, व्यापारियों ने ट्रालियों में लहसुन लाए जाने पर ही फसल को नीलामी में शामिल करने का निर्णय लिया है।
मंडी में पहले प्लेटफॉर्म पर किसान लहसुन का ढेर लगाकर नीलामी में अपनी उपज शामिल करते थे। कोरोना काल के बाद से लहसुन की नीलामी प्लेटफार्म पर नहीं करते हुए ट्रॉलियों में लाने पर ही नीलामी में शामिल की जा रही है। ऐसे में छोटा किसान जिसकी लहसुन दो या 3 बोरी है उसकी लहसुन ढेर लगाने पर व्यापारी उसकी बोली नहीं लगाते हैं। किसान को ट्राली में लहसुन लाने का बोलते हैं। इसके कारण किसानों को औने पौने दाम में अपनी लहसुन दलालों को बेचना पड़ रही है। जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
किसानों की यह दिक्कत
किसानों का कहना है कि काफ़ी समय से जावरा मंडी में लहसुन ट्रॉलियों में नीलाम हो रही है और हमारे पास इतनी लहसुन नहीं है कि हम ट्रालियों में लेकर मंडी में जाएं। यदि हम ट्रॉलियों में लहसुन भरकर केवल 2 या 3 बोरी बेचेंगे तो लहसुन के पैसे घर ले जाएंगे या फिऱ ट्राली वालों का भाड़ा देंगे।
इस कारण लिया फैसला
मंडी के व्यापारी बताते है कि पिछले साल से 5 बोरी से लहसुन की नीलामी प्लेटफार्म पर नहीं करने का नियम बनाया है। कुछ किसान मानते नहीं और इससे ज्यादा लहसुन होने पर भी प्लेटफॉर्म पर ढेर लगा देते हैं। इस कारण व्यापारियों को नीलामी के बाद माल उठाने में परेशानी आती है। इस कारण प्लेटफार्म पर ढेर लगाकर नीलामी बंद कर रखी है।
जावरा छोड़ बाकी मंडियों में प्लेटफार्म पर हो रही है नीलाम
जावरा मंडी एक मात्र ऐसी मंडी है जो अपने मनमाने तरीके से फसलों की खरीदी हो रही है। आखिर 5 बोरी का नियम बनाया भी तो क्यों जिससे सवाल खड़ा होता है। पहले तो इसी मंडी में बिना किसी नियम के कम हो या ज्यादा लहसुन नीलाम हो रही थी।
इनका कहना
एक बार मंडी सेकेट्री और सबकी मीटिंग लेकर बहुत जल्द मंडी के प्लेटफॉर्म पर नीलामी चालू करवाएंगे। -हिमांशु प्रजापति, जावरा एसडीएम
बहुत जल्द हम एक मीटिंग करके पहले जैसे मंडी को सुचारू रूप से चालू करवाएंगे। किसानों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आए ऐसी भी व्यवस्था हम करवाएंगे। – राजेन्द्र पांडे, विधायक, जावरा