उदयपुर. राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी (59) का रविवार देर रात गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। 28 अक्टूबर को उनकी कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 7 नवंबर को एयर एंबुलेंस से माहेश्वरी को उदयपुर से मेदांता अस्पताल ले जाया गया था। किरण माहेश्वरी को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। वे पिछले 22 दिनों से मेदांता के ICU में एडमिट थीं। रविवार देर रात इंफेक्शन ज्यादा होने से उनका निधन हो गया।
राजसमंद विधायक रही किरण माहेश्वरी के शव को उदयपुर लाया जा रहा है। जहां उनके समर्थकों और परिजनों द्वारा उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। वहीं, किरण महेश्वरी के निधन पर भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने संवेदना व्यक्त की है और इसे BJP और प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
किरण माहेश्वरी के निधन पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि किरण माहेश्वरी जी के असामयिक निधन से पीड़ा हुई। राजस्थान सरकार में सांसद, विधायक या कैबिनेट मंत्री के रूप में, उन्होंने राज्य की प्रगति की दिशा में काम करने के लिए कई प्रयास किए। उनके परिवार के प्रति संवेदना। ओम शांति।
किरण माहेश्वरी ने दुर्गा वाहिनी की प्रमुख के तौर पर शुरू किया राजनीतिक करियर
किरण माहेश्वरी ने साल 1987 से 90 तक हिंदू संगठन दुर्गा वाहिनी की प्रमुख के तौर पर राजनीतिक करियर शुरू किया। इसके बाद साल 1992 से 1995 तक वह राजस्थान के सोशल वेलफेयर बोर्ड की मेंबर बनी। साल 1990 से 1992 तक BJP महिला मोर्चा की जिला महामंत्री रही। इसके बाद में साल 1993 से 1994 तक उनको महिला मोर्चा देहात की जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। साल 1994 में उदयपुर नगर परिषद पार्षद का चुनाव किरण माहेश्वरी ने लड़ा और पार्षद चुनाव जीतकर उन्हें उदयपुर की सभापति बनाया गया। साल 1999 तक उन्होंने सभापति के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया।
साल 2002 से 2003 तक वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य बनी। साल 2004 में उदयपुर की सांसद चुनी गई। साल 2004 में उन्हें भाजपा राष्ट्रीय महासचिव और 2007 में महिला मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद में साल 2008 में किरण माहेश्वरी राजसमंद विधायक बनीं और वसुंधरा सरकार में मंत्री भी बनीं। साल 2013 में एक बार फिर से चुनाव जीत विधानसभा पहुंचीं थीं।