पुलिस ने चोरी के वाहनों के शक में की थी कार्रवाई, 10 वाहनों के मामलों में मिली थी गड़बड़ी
उज्जैन, अग्निपथ। प्रदेश के बाहर के नंबर के वाहनों की खरीदी बिक्री को लेकर पुलिस की कार्रवाई के बाद अब लोग ऐसे वाहनों को खरीदने से बचने लगे हैं। वहीं जिन लोगों ने बाहरी नंबर के वाहन खरीदे थे, वे अपने खिलाफ कार्रवाई के डर से घबराकर वाहनों को औने-पौने दामों पर बेच रहे हैं। इससे पुराने वाहनों को खरीदने वाले आटो डीलर्स की चांदी हो गई हैं।
बताया जाता है कि प्रदेश से बाहर के नंबर के वाहन को खरीदने और बेचने का शहर में बड़े पैमाने पर कारोबार हो रहा था। पुलिस ने आटो डीलर्स के पास से 330 वाहनों को जांच के लिए उठाया था। उनकी चाबियां अपने पास रख ली थी। जांच में दस वाहनों में गड़बड़ी मिली थी। इनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, केरल, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की गाडियां भी शामिल हैं। जानकारों का कहना है कि इतनी दूर से वाहनों को उज्जैन में आकर बेचने से संदेह बढ़ गया है।
कई वाहनों के कागाजत ही नहीं मिलते हैं। इतना ही नहीं कई वाहनों पर लाखों रुपए का लोन बकाया रहता है। ऐसे अगर किसी ने ऐसा वाहन खरीद लिया तो उनके सामने संकट खड़ा हो जाता है। स्थानीय डीलर्स का कहना है कि वे जांच परख करने के बाद ही वाहनों को बेचते हैं।
उज्जैन एमपी आटोडील एसोसिएशन के सचिव संजय जैन का कहना है कि पुलिस ने उनके वाहनों की चाबियां ली थी। सभी वाहन आटोडील एसोसिएशन के सदस्यों की दुकान पर ही रखे हुए थे। जांच के बाद कागजात सही पाए जाने पर उनके वाहनों की चाबियां वापस दे दी गई।
व्यापारी किसी भी प्रकार की गड़बड़ी वाले वाहनों को नहीं बेचते हैं। पुलिस जांच में सहयोग किया जा रहा है। लोगों को किसी भी तरह का शक हो तो वह जांच करे और उसके बाद ही वाहनों को खरीदे।
केस दर्ज करके वाहन लाने वालों को तलाशेगी पुलिस : बताया जाता है कि ट्रैफिक डीएसपी एचएन बाथम ने वाहनों की जांच के दौरान फजल आटो डील से एक रेड इंडिका कार जब्त की थी। इसके आगे और पीछे के नंबर अलग-अलग मिले थे। इसी तरह से एक वाहन के चेचिस नंबर में भी गड़बडड़ी मिली थी। इसके आधार पर इन वाहनों को बेचने और खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।