ज्वाईंट अकाउंट में से दो साल में निजी खाते में ट्रांसफर किए रुपए
उज्जैन,अग्निपथ। टोल नाका चलाने वाली कंपनी ने सरकार को 23.37 करोड़ का चूना लगा दिया। करीब दो साल में हुई धोखाधड़ी सामने आने पर मप्र सडक़ विकास निगम ने कंपनी संचालकों के खिलाफ नीलगंगा थाने में केस दर्ज कराया है। मामले में पुलिस जांच के बाद आरोपियों को गिर तार करने नागपूर जाएगी।
नागपूर स्थित टापबर्थ इंफ्रा प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के संचालक सुरेंद्र पिता चंपालाल लोढ़ा व दीपक पिता मनोहर कटकवार है। दोनों ने उन्हेल से जावरा तक टोल वसूली का ठेका ले रखा था। कांट्रेक्ट के नियमानुसार कंपनी और मप्र सडक़ विकास निगम के साथ सयूक्त खाता (एस्क्रो अकाउंट)खोला गया था।
सडक़ की देखरेख व मरमत के लिए खोले गए इस खाते में 2018 से 2020 तक करीब 45 करोड़ रुपए जमा हुए थे। लोढ़ा और कटकवार ने साजिश पूर्वक इस खाते में से 23.37 करोड़ रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। मामला सामने आने पर मप्र सडक़ विकास निगम के सहायक महाप्रबंधक दीपक पिता सालीगराम शर्मा निवासी प्रशांति एवन्यू की शिकायत पर सोमवार रात पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 420 व 409 में केस दर्ज कर दिया। पुलिस मामले में जांच के बाद आरोपियों को गिर तार करने नागपूर जाएगी।
ऑडिट से बचे 12 करोड़
पुलिस रिपोर्ट अनुसार कटकवार व लौढ़ा धीरे-धीरे संयुक्त खाते से रुपए अपने निजी खाते में ट्रांसफर करते रहे। दोनों पूरी राशि गायब करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इसी बीच वर्ष 2020 में ऑडिट हुआ तो धोखाधड़ी का राज खुलने से उनके मंसूबे पूरे नहीं हो सके।
दूसरी कंपनी को दिया कांट्रेक्ट
कटकवार व लौढ़ा की करतूत सामने आते ही विभाग ने टापबर्थ कंपनी का ठेका निरस्त कर अन्य कंपनी को टोल नाके का कांटे्रक्ट दे दिया। साथ ही सहायक महाप्रबंधक शर्मा ने दोनों के खिलाफ सितंबर माह में थाने में शिकायत कर दी।
इनका कहना है
टापवर्थ कंपनी डायरेक्टर के खिलाफ सडक़ विकास निगम ने 23.37 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है,जांच के बाद आरोपियों को गिर तार करने जाएंगे। -तरुण कुरील टीआई,थाना नीलगंगा।