थाने से कुछ दुर पर ही बिक रही अवैध शराब
जावरा, अग्निपथ। नगर व कालूखेड़ा सहित क्षेत्र के अन्य इलाकों में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से फलफूल रहा है। चुनाव आते ही शराब माफिया सक्रिय हो गए हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आते ही जहां शराब की खासी बिक्री को लेकर शराब माफिया पूरी तरह सक्रिय हैं वहीं कई उम्मीदवार शराब के लिए अपना बजट बनाकर स्टाक करने लगे हैं। जब चुनावी प्रचार प्रसार चरम पर होगा तो ग्रामीण क्षेत्रों में शराब लोगों के सिर चढक़र बोलेगी। क्षेत्र में वैसे तो हमेशा से ही अवैध शराब का कारोबार चलता रहता है लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा लोगों को शराब पिलाने की परंपरा सी बनी हुई है।
जब भी क्षेत्र में चुनाव हुए तब-तब शराब का खासा उपयोग किया जाता रहा है और इस बार भी चुनाव में भी शराब का प्रचलन कम नहीं होगा। इसके साथ ही अन्य सुविधाओं के भी प्रलोभन मतदाताओं को दिए जाएंगे। कई उम्मीदवारों ने अपनी पूरी चुनावी रणनीति तैयार कर ली है और इसी के बल पर गांव की सरकार में प्रतिनिधि बनने की उम्मीद लगाए हुए हैं।
कालूखेड़ा क्षेत्र के गांव चिकलाना, सेमलिया, ,पिंगराला, बरखेड़ी, सहित क्षेत्र के कई गांव ऐसे हैं जिनमें महुआ की कच्ची शराब बनकर बेची जाती है। साथ ही जिन गांव में कच्ची शराब का कारोबार कम है उन गांव में अंग्रेजी और देशी शराब के अवैध अड्डे चल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जमकर शराब का उपयोग किया जाएगा। कई उम्मीदवारों ने बताया जाता ही की इसकी व्यवस्था पहले से ही कर ली है और कई उम्मीदवार अपनी सुविधा के अनुसार व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।
सूत्र बताते है कि कालूखेड़ा थाने परिसर से कुछ ही दूरी पर और गाँव मे हर रोज अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. लेकिऩ इस बात की भनक अभी तक थाना प्रभारी को नहीं है। शायद यही कारण है जिसके कारण कार्यवाही नही हो रही है।
यहां वहां अवैध रूप से बिक रही अवैध शराब को लेकर जब हमने कालूखेड़ा थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने बताया कि जिस भी गाँव मे अवैध शराब बिक रही है हम लगातार कारवाई कर रहे हैं।
लेकिन धरातल पर हकीकत तो यह है कि आबकारी विभाग की मिलीभगत और पुलिस की मिलीभगत अर्थात यह कहना भी शायद गलत नही होगा की आर्थिक फायदे की वजह से शराब माफियाओं के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नही कर रहे है जिसके कारण अवैध शराब विक्रेताओं के हौंसले बुलंद है।