चिन्हित अपराध होने से 19 माह में ही मिला न्याय, शादी का झांसा देकर किया था दुष्कर्म
धार । दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई हैं आरोपी पीडिता नाबालिग को शादी करने के लिए बहला फु सलाकर अपने साथ लेकर गया था। जिसके चलते सागौर पुलिस ने प्रकरण की विवेचना चिंहित अपराध में दर्ज की। इसी कारण कोर्ट ने महज 19 माह में ही आरोपी को कठोर सजा सुनाई है। प्रकरण का पूरा अनुसांधन सागौर थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह भदौरिया के निर्देशन में किया गया था।
विशेष न्यापयाधीश पॉक्सोंं एक्ट न्यायालय के द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपी लोकेश पिता रमेश आयु 23 निवासी नारायणपुरा को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। पीडिता ने पुलिस सहित अभियोजन का पूर्ण समर्थन किया थाए जिसके कारण ही कोर्ट ने सजा के साथ अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं अर्थदंड अदा नहीं करने पर 4 साल के अतिरिक्त कारावास से दंडित करने की बात कही है।
मीडिया प्रभारी अर्चना डांगी ने बताया कि 24 मई 2021 को 17 वर्षीय नाबालिग लडकी घर से कहीं चली गई थीए परिजनों की शिकायत पर सागौर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु की। परिजनों व पुलिस ने रिश्तेदारों के यहां पर भी पीडिता की तलाश की। किंतु कोई सफलता नहीं मिली। जांच के दौरान करीब दो माह बाद पीडिता के गुजरात में होने की जानकारी सामने आने पर पुलिस मौके पर पहुंची व पीडिता को दस्तेयाब करके थाने पर लेकर आई। जहां पर पीडिता ने बयान में पुलिस को बताया कि आरोपी लोकेश शादी करने का बोलकर बहला.फुसलाकर अपने साथ लेकर गया था।
पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट करके जेल भेजा। साथ ही अनुसांधन पूर्ण करने के बाद अभियोग पञ कोर्ट के समक्ष पेश कियाए जहां पर प्रकरण की सुनवाई के दौरान पीडिता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट सहित विवेचक के कथन हुए। इसी आधार पर कोर्ट ने सजा सुनाई है।
वहीं प्रकरण की सुनवाई के बाद न्यायालय ने अपने निर्णय में लिखा कि पीडिता अवयस्क होने के साथ 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका है।
जिसके साथ घिनौना कृत्यन हुआ हैं, समाज में बच्चियों एवं महिलाओं के साथ इस प्रकार के अपराध में काफी बढ़ोतरी हो चुकी हैंए और इस प्रकार के अपराध समाज की नैतिकता को प्रभावित करते है। आरोपी के कृत्यं को दृष्टिगत रखते हुए दण्ड के संबंध में आरोपी के प्रति उदारता बरती जाना न्यौयाचित नहीं है। इसी कारण कोर्ट ने दंडित किया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक आरती अग्रवाल के द्वारा की गई थी।