बदनावर अग्निपथ। नए मंदिरों की जगह पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार होना चाहिए। पुरातन मंदिरों में भी भक्तों का जमावड़ा बढऩा चाहिए। एक स्त्री का बड़प्पन उसके संस्कार, श्रृंगार व परिधान से होता है। राजस्थान में नारी के तन पर पहने जाने वाला वस्त्र तलवार से कम नही होता है। जितना रह सकते हौ अच्छी संगत में रहो। मनुष्य के भीतर निर्मलता, सादगी तभी आती है जब पूर्व के संस्कार हो।
उक्तउदगार कोटेश्वर महादेव धाम में चल रही पांच दिवसीय पचपुष्प शिवमहापुराण कथा के अंतिम दिन मंगलवार को कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए। शिव महापुराण कथा स्व. शिवकुमार सिसोदिया इंदौर व स्व० ओमप्रकाश पांडे नागदा की स्मृति में शरदसिंह सिसोदिया द्वारा आयोजित की गई।
मोक्षदायिनी है महाकाल की नगरी
महाकाल की नगरी मोक्ष को प्रदान करने वाली है तथा काशी अभिमुक्त नगरी है। अन्य जगह मृत्यु होने पर लोग रोते है जबकि काशी में होने पर मुस्कुराते है। क्योंकि शिवमहापुराण में बताया गया है कि काशी मेंं मृत्यु होती है तो शिव उसके कान में गुरू मंत्र सुनाते है जिससे उसको मोक्ष प्राप्त हो जाता है। कथा पूर्णाहुति पर पंडित मिश्रा ने आयोजक सिसोदिया के सिर पर शिवपुराण रख आशीर्वाद प्रदान किया।
इन समितियों ने दी धरातल पर सराहनीय सेवा
समूचे पांडाल में प्रतिदिन स्वच्छता की कमान कानवन की कण्व सेवा संस्था, सुबह शाम बिड़वाल के हर हर महादेव कावड़ संघ के 150 महिला, पुरूषों ने भोजन की व्यवस्था संभाल रखी थी। इसी तरह कोटेश्वर से जुड़े आसपास के गांवों के लोगो ने पार्किंग, जल, सुरक्षा आदि व्यवस्थाओं का जिम्मा लेकर निर्विघ्न रूप से संभाली। कथा स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पांडाल सहित सभी मार्गो पर विभिन्न गांवों के संगठन व समितियों द्वारा पेयजल की माकूल व्यस्थाए रखी। कथा की पूर्णाहूति पर स्थल के चारों और से प्रस्थान करने वाले श्रद्धालुओं को करीब 15 क्विंटल प्रसादी वितरित की।
पंडित मिश्रा ने आगे कहा कि इंदौर के शरदसिंह सिसोदिया साधुवाद के पात्र है जिन्होंनें यह पंचपुष्प शिवमहापुराण कथा किसी शहर में न करवाकर शिव की नगरी अतिप्राचीन कोटेश्वर धाम में करवाई है। शिवमहापुराण कथा ने सनातन धर्म को जगाया है, बच्चोंं को मंदिर तक पहुंचाया है। पहले इस धार्मिक स्थल को यही के लोग जाना करते थे किंतु इस कथा ने कोटेश्वर बाबा की पुण्य धरा को पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया है। कोटेश्वर महादेव पर प्राकृतिक रूप से गंगाजल की धाराएं गिरकर अभिषेक कर रही है। आस्था चैनल के माध्यम से पूूरा विश्व देख रहा है। यह स्थान दुनिया में ख्याति प्राप्त करेगा।
आयोजक सिसाोदिया ने भावुक शब्दों से आभार व्यक्त
शिवमहापुराण कथा आयोजक शरदसिंह सिसोदिया ने मंच से उपस्थित जनसमुदाय, विभिन्न समिति, टेंट व्यवस्था, बाउंसर व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, कोटेश्वर महादेव के महंत मगल भारती व पुजारीगण, पुलिस, प्रशासन व 34 समितियोंं के 3 हजार सदस्यों को क्रियान्वित करने वाले प्रबंधन समूह, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहसोगी के साथ संपूर्ण आयोजन का बेहतर ढंग से कवरेज करने पर मीडिया समूह का आभार व्यक्त किया।
इस दौरान सभी के सहयोग, समर्पण व भक्ति भाव को देखकर संबोधन के दौरान आंखे भर आई। कथा के अंतिम दिन समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष चंदा सिसोदिया,आयोजक शरदसिहं सिसोदिया, धर्मपत्नी रीना सिसोदिया, पुत्र राजवीर सिंह, चंद्रवीर सिंह, बडऩगर विधायक मुरली मोरवाल, उज्जैन जिला पंचायत पूर्व अध्यक्षद्वय महेश पटेल, मनोज गौतम धार,कमल सिंह पटेल, राजेन्द्र खोकर, श्याम अग्निहोत्री,निमेष पाटीदार,राजेन्द्र जाट,अमित जैन, मनीष बोकडिय़ा,घनश्याम सिंह डोडिया, लाखन सिंह जादोन,चेतन सिंह राठौर, नीलेश वैष्णव,कैलाश बोरिया,कमल सिंह आदि उपस्थित थे। जानकारी आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी गोवर्धन सिंह डोडिया खिलेड़ी ने दी।