कितनों को दोगे परमिशन: उज्जैन की सडक़ों पर क्षमता से अधिक दौड़ रहे ई-रिक्शा

पुराने शहर में बन रहे जाम का कारण, मुख्य चौराहों से यातायात जवान नदारद

उज्जैन, अग्निपथ। पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिये आरटीओ विभाग ने बेहसाब ई रिक्शा को चलाने की परमिशन जारी कर दी। लिहाजा पूरे शहरभर में जहां देखो ईरिक्शा सडक़ पर नजर आ रहे हैं। यही ईरिक्शा पुराने शहर में जाम का कारण बन रहे हैं। थोड़ी सी जगह देखी नहीं कि ईरिक्शा चालक वहां पर वाहन लगा देता है। जिसके चलते यातायात जाम की स्थिति हो जाती है। विशेषकर पुराने शहर में इस प्रकार की स्थिति का सामना शहर की जनता को करना पड़ रहा है। यातायात पुलिस चौराहों पर जवानों को तैनात करने की जगह चालानी कार्रवाई कर रही है।

पुराने शहर में जहां देखो वहां ईरिक्शा सडक़ पर नजर आ रहे हैं। आकार में छोटे होने के कारण वाहन चालक जहां देखो वहां ईरिक्शा प्रवेश करा देता है। इस कारण जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। पुराने शहर में इस प्रकार की स्थिति से नागरिकों को जूझना पड़ रहा है। आरटीओ विभाग ने बेहिसाब ईरिक्शा चलाने की परमिशन जारी कर दी है। जिसके चलते पुराने शहर में करीब 3000 ईरिक्शा संचालित हो रहे हैं।

शहर के तेलीवाड़ा, गुदरी चौराहा और दौलतगंज चौराहों पर अक्सर जाम की स्थिति लगी रहती है। ईरिक्शा चालक जहां थोड़ी सी जगह मिली वहां पर अपना वाहन प्रवेश करा देते हैं और पीछे हटते नहीं। ईरिक्शा में सवारी होने और उनको रेलवे स्टेशन अथवा बस स्टैंड जल्दी पहुंचाने के चक्कर में ईरिक्शा चालक यातायात का पालन करना भूल जाते हैं।

अनुबंधित 250 ईरिक्शा संचालित करेंगे

भगवान महाकाल की सावन की पहली सवारी 10 जुलाई के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित कर दिये जाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में मंदिर के आसपास के दो से तीन किमी के दायरे में सभी प्रकार के वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। यहां केवल ठेके के यानि अनुबंधित 250 ई-रिक्शा ही चलेंगे। इनके लिए यूसीटीसीएल ने टेंडर आमंत्रित कर लिए हैं।

महाकाल लोक लोकार्पण के बाद से मंदिर दर्शन के लिए और महालोक घूमने आने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी हैं। औसतन एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु रोजाना महाकाल क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में चक्काजाम की स्थिति आम हो गई हैं। प्रमुख अवसर और पर्व-त्योहार पर तो भीड़ प्रबंधन करना, ट्रैफिक संभालना मुश्किल हो जाता हैं।

विशेष रंग के रहेंगे ई-रिक्शा

महाकाल मंदिर के आसपास दो से तीन किमी तक नो व्हीकल जोन घोषित किया जाएगा। यानि इस दायरे में केवल अनुबंधित 250 ई-रिक्शा ही चलेंगे अन्य सभी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। अनुबंधित ई-रिक्शा के लिए 4-5 स्टेशन बनाए जाएंगे। जहां से जरूरतमंद इनमें यात्रा शुरू कर सकेंगे। किराया भी पहले से दूरी के हिसाब से तय ही रहेगा। ये सभी ई-रिक्शा एक रंग विशेष के रहेंगे। प्रयास यह भी किए जा रहे हैं इनमें से 50 फीसदी रिक्शा का संचालन महिला चालक करे ताकि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा भी मिल सके।

यातायात दुरुस्त करने की जगह चालान कर रहे

शहर की यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है, ऐसा कहा जाय तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। यातायात को मैनेज करने वाले आरटीओ और यातायात पुलिस काम न कर पाने की स्थिति में बैठे हुए हैं। आरटीओ सडक़ पर कभी कार्रवाई करते दिखाई नहीं देते।

वहीं यातायात पुलिस ईरिक्शा चालकों पर कार्रवाई की जगह चौराहों पर मजमा लगाकर वाहन चालकों से राजस्व वसूली करती दिखाई देती है। जाम की स्थिति वाले चौराहों पर यातायात जवान खड़ा करने की जहमत आज तक किसी भी पुलिस अधिकारी ने नहीं उठाई है। बिना यातायात पुलिस वालों के चौराहे संचालित हो रहे हैं। यहां पर ट्रेफिक सिग्नल भी नहीं लगे हैं। जिनका पालन ईरिक्शा चालक कर सकें।

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