श्री महाकाल मंदिर में 35 से 40 मिनट में सामान्य दर्शनार्थियों को कराये जा रहे हैं नि:शुल्क दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सामान्य दर्शनार्थियों को मानसरोवर द्वार से नि:शुल्क दर्शन हो रहे हैं। जिसमें उनको 35 से 45 मिनट तक का समय लग रहा है। आज सावन के पहले दिन मंगलवार को शाम तक लगभग 2 लाख श्रद्धालुओं ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किये।
सावन के पहले दिन 4 जुलाई सुबह भस्मारती के पूर्व भगवान महाकाल का जल से स्नान कराने के बाद भांग, अबीर, चन्दन से श्रृंगार कर मस्तक पर तिलक, आभूषण और नवीन वस्त्र अर्पित किए गए। महानिर्वाणी अखाड़ा महंत द्वारा भस्म अर्पित की गई। सावन के पहले दिन मंगलवार को सबसे पहले बाबा महाकाल को पंडे पुजारियों ने नियमानुसार जल चढ़ाकर दूध, घी, शहद, शकर व दही से पंचामृत अभिषेक कराया। इसके बाद बाबा का भांग से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई। करीब एक घंटे चली भस्म आरती में बाबा का भांग, चंदन ,फल वस्त्र आभूषण से विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद सुबह से बाबा के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रही।
मंदिर प्रबन्ध समिति के प्रशासक श्री संदीप कुमार सोनी ने बताया कि, मंदिर को लेकर इस प्रकार की भ्रान्तियाँ फैलाई जा रही है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में सामान्य दर्शन हेतु शुल्क लिया जा रहा है, जो पूर्णत: भ्रामक है। सभी देव स्थानों की तरह श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी 250 रुपए सुगम दर्शन की व्यवस्था की गई है जिसमें दर्शनार्थीयों को द्वार क्रमांक 4 से छोटे मार्ग से होकर श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन करवा रहे हैं। सुगम दर्शन के लिए तीन एंट्री पॉइंट बनाए गए हैं। तीनों जगह से आने वाले श्रद्धालुओं को जिगजैग के माध्यम से कार्तिकेय और गणेश मंडपम से दर्शन हो सकेंगे। दूसरे शहरों से आने वाले भक्तों के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं, जिससे किसी को असुविधा नहीं हो।
मंदिर परिसर को पूरी तरह सीसीटीवी से कवर किया गया है। इसके दो कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं। बड़ी एलईडी लगाई गई है, इनके माध्यम से भक्तों की दर्शन व्यवस्था रहेगी। सात हेल्प डेस्क और महाकाल मंदिर और त्रिवेणी पर आकस्मिक चिकित्सा केंद्र भी स्थापित किए हैं।