भाद्रपद की पहली सवारी में भक्तों में दिखा विशेष उत्साह
उज्जैन, अग्निपथ। श्रावण माह के ख़त्म होने के बाद भादो माह की पहली सवारी सोमवार को निकली। श्रावण की आठ सवारी के बाद ये नौवीं सवारी थी। अब अगले सोमवार को बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाएगी। सवारी मंदिर परिसर से शाम 4 बजे धूमधाम से निकली।
श्री महाकालेश्वर मंदिर से निकलने वाली भगवान महाकाल की नौवीं सवारी सोमवार को धूमधाम से निकली। मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन कर भगवान की आरती के बाद रजत पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर नगर भ्रमण की ओर रवाना हुए। मंदिर के मुुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया। नए रथ पर सवार भगवान श्री चंद्रशेखर के नए मुखारविंद के दर्शन भक्तों को पहली बार हुए।
सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची। जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुची।
सवारी के दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर के रूप में विराजित रहे। वहीं हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, नवीन रथ पर श्री घटाटोप स्वरुप और दूसरे नवीन रथ पर श्री जटाशंकर और रथ पर नए स्वरूप श्री रूद्रेश्वर नया सप्तधान मुखारविंद के साथ ही रथ पर श्री चंद्रशेखर का नया रजत मुखौटा शामिल होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। श्रावण माह के बाद भी भक्तो का उत्साह ख़त्म नहीं हुआ। भारी भीड़ के बीच सवारी समय पर महाकाल मंदिर से निकली।
11 सितंबर को शाही सवारी
भाद्रपद माह की दूसरी और सावन-भादौ की दसवी सवारी 11 सितम्बर को शाही सवारी के रूप में निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा, रथ पर श्री जटाशंकर, श्री रुद्रेश्वर स्वरूप, श्री चन्द्रशेखर स्वरुप व दसवी सवारी में श्री सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।