ग्वालियर के भक्त ने भेंट की 5 किलो 700 ग्राम चांदी से बनी नई प्रतिमा
उज्जैन, अग्निपथ। डोल ग्यारस पर सोमवार को भैरवगढ़ में काल भैरव की सवारी धूमधाम से निकाली गई। सवारी में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए। सवारी शुरू होने से पहले शाम करीब 4 बजे परंपरा अनुसार सर्वप्रथम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने पूजन-अर्चन किया। डोल ग्यारस पर सोमवार को भैरवगढ़ में काल भैरव की सवारी चांदी की नई प्रतिमा निकाली गई। यह प्रतिमा ग्वालियर निवासी एडवोकेट संदीप मित्तल ने पिता की स्मृति में पुजारी सदाशिव चतुर्वेदी की प्रेरणा से मुंबई में बनवाकर दान स्वरूप मंदिर में भेंट की।
इसके बाद काल भैरव की सवारी ने संपूर्ण भैरवगढ़ क्षेत्र का भ्रमण किया। पालकी के अंदर इस बार भैरव महाराज के स्वरूप चांदी की नई प्रतिमा विराजित कर निकाली गई। यह प्रतिमा ग्वालियर के संदीप मित्तल ने पुजारी सदाशिव चतुर्वेदी की प्रेरणा से मंदिर में भेंट की है। पुजारी सदाशिव चतुर्वेदी ने बताया सवारी शुरू होने से पहले भगवान काल भैरव का शृंगार किया गया। सिंधिया परिवार की ओर से परंपरा अनुसार लाल पगड़ी पहनाई गई।
इसके पश्चात शाम 4 बजे बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम पूजन कर पालकी को रवाना किया। सवारी में बैंड, ढोल, ध्वज, अखाड़े, झांकी, बग्घी, रथ आदि शामिल रहे। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के बाहर भी परंपरा अनुसार पालकी रोकी गई जहां जेल प्रशासन के अधिकारियों ने पूजन किया। सिद्धवट पर पूजन के बाद सवारी रात्रि में पुन: मंदिर पहुंची जहां आरती कर डोल ग्यारस उत्सव का समापन किया गया।
भक्त मित्तल ने बताया कि भैरव बाबा की यह प्रतिमा 5 किलो 700 ग्राम चांदी होकर स्वर्ण पॉलिश की गई है। मित्तल परिवार की श्रीमती रमा, सक्षम, वरदान, संजीवनी, आयुषी, शिवा, काशिका एवं ग्वालियर व इंदौर से आए भक्त प्रतिमा लेकर एक दिन पहले ही उज्जैन पहुंच गए थे। सोमवार को पूजन के बाद प्रतिमा सवारी में पालकी में विराजित कर निकाली गई।