अनोखा पानी पताशा भंडारा, वल्र्ड रिकॉर्ड तोडऩे वालों के लिए रखा 10 हजार का पुरस्कार

उज्जैन, अग्निपथ। ठहाका सम्मेलन परिवार द्वारा दीपावली ठहाका मिलन समारोह का आयोजन किया जिसमें पानी पताशा भंडारा का भव्य आयोजन ठहाका उस्ताद डॉ. महेन्द्र यादव द्वारा चटोरों की नगरी उज्जैन में किया गया। बच्चो से लेकर बड़ों तक ने जी भरकर फ्री में पानी पूरी का रसास्वादन किया। इस भंडारे में बहुतायात संख्या में स्कूल कॉलेज की लड़कियों के साथ महिलाएं भी शामिल हुई।

आयोजको द्वारा हैदराबाद के अंकुर हरारे द्वारा बनाए गए वर्ल्ड रिकॉर्ड 128 पानी पताशी खाने का रिकॉर्ड तोडऩे वालो के लिए दस हजार रु का नगद पुरस्कार भी रखा गया था लेकिन अफसोस यह रिकॉर्ड कोई नही तोड़ पाया।

डॉ. महेन्द्र यादव ने बताया कि इस बार जो रिकॉर्ड दर्ज हुआ उसमे उज्जैन के अक्षय सिंह 92 पानी पताशी खाकर शीर्ष पर रहे वहीं ललित लुल्ला 72 पानी पताशी, पत्रकार अजय पटवा 70 पानी पताशी खाकर क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे। ख़बर ऐसी भी है कि फ्री पताशी के चक्कर में कईयों की मथुरा की गली इंडिया गेट हो गई।

कवियों ने भी इस पानी पताशी भंडारे में हास्य व्यंग्य की मस्ती का तडक़ा लगाया। कुमार संभव ने प्यार मोहब्बत के गीतों से आनंद दिया साथ ही खट्टी मीठी केरी के पानी से स्वाद को रसीला बनाया। अंतर्राष्ट्रीय कवि अशोक भाटी ने वाणी की बियर और शब्दों के पेग में रसिकों को मदहोश किया। कवि नरेन्द्र सिंह अकेला ने इमली के रसीले व्यंग्य से हास्य का करंट फेलाया। नौजवान कवि सुगन सुगनचंद जैन ने पत्नियों के खुश रहने का मंत्र दिया एवं चार पताशीयों को टपका दिया। युवा कवि रवि भूषण श्रीवास्तव ने प्रेमिका के साथ पानी पताशी खाने के फायदे बताए लोकप्रिय कवि दिनेश दिग्गज ने पताशी, पानी पूरी, गोल गप्पे पर स्वादिष्ट बुक्का फाड़ ठहाके लगवाए।

ख्यात नाम संचालक डॉ. महेन्द्र यादव ने हास्य व्यंग्य की हरी, लाल, कबीट की चटनी से आनंद की सुरसूरी पैदा की। बकोल यादव खाओ हँसके मारों ठसके, काबा हो या काशी.. मोक्ष जब तक नहीं मिलता, जब तक खाओ ना पताशी ,पोहा, जलेबी, समोसा हो या कचोरी… सब पर भारी है, दही पूरी सिंह हो, मकर हो, या कर्क हो राशि.. सबकी चहेती है पानी पताशी, हिंदू, मुस्लिम सिख, ईसाई.. प्रेम से खाते है पानी पताशी भाई, अशोक हो, अकेला हो, दिनेश हो या फिर महेंद्र.. पानी पताशा है सबकी मुस्कुराहट का केंद्र।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप में शहर के गणमान्य नागरिक भी शामिल हुए जिनमे प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार उदय चंदेल, राजीव सिंह भदौरिया, हितेंद्र सिंह सेंगर, राहुल सिंह भदौरिया, दीपक बेलानी, टिकम सेठ, सफदर बेग, डॉ. खालिद शेख, मन्नू मास्टर, फहीम सिकंदर, पुरषोत्तम नागराज, सलीम भाई गैस वाले ठहाका सम्मेलन सामाजिक संस्था के प्रमुख डॉ. महेन्द्र यादव, हरिसिंह यादव, ललित लुल्ला, रितिक यादव, मनोहर परमार, विजय तिवारी, राहुल प्रजापति, आशीष खण्डेलवाल, सुरेंद्र सिंह ठाकुर, मकसूद पठान, मनीष सोलंकी, आशीष मालवीय, लखन शर्मा, शशांक चंदेरिया की प्रमुख भूमिका रही।

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