भस्म-पानी और भांग के नमूने लिए
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में शिवलिंग क्षरण का रोकने के लिए जीयोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की सात सदस्य टीम सोमवार शाम उज्जैन पहुंची। मंगलवार सुबह टीम ने भस्म, शिवलिंग पर चढऩे वाला जल और भांग के नमूने लिए। जांच टीम भोपाल जाकर अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेगी।
महाकाल मंदिर शिवलिंग को हो रहे क्षरण को लेकर मामला 2017 में सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। मामले में आदेश जारी किया था कि एएसआई और जीएसआई की टीम प्रतिवर्ष शिवलिंग की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे। सोमवार को सात सदस्यीय दल ने मंदिर पहुंचकर शिवलिंग की स्थिति का आंकलन किया। टीम ने शिवलिंग पर चढ़ाई गई सामग्री और जल का सैम्पल लिया। टीम ने मंदिर में चढऩे वाले आरओ जल के सैंपल भरकर ले गए। लैबोरेटरी में टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट जीएसआई के अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
जीएसआई के भोपाल ऑफिस से आए डायरेक्टर आरएस शर्मा समेत 7 लोगों के दल ने सुबह से मंदिर में अलग-अलग सैंपल लेना शुरू किए। इसमें भस्म, आरओ वॉटर, भांग, श्रृंगार और पूजन के बाद चैंबर में निकलने वाले पानी के नमूने लिए हैं। टीम पानी, भांग और श्रृंगार का टेस्ट कर जांचेगी कि इनसे शिवलिंग को क्षरण तो नहीं हो रहा। रिपोर्ट आने के बाद उसे कोर्ट में सौपा जाएगा।
21 देशों के जल से महाकाल का अभिषेक किया अयोध्या में भी इसी जल से होगा अभिषेक
उज्जैन, अग्निपथ। 21 देशों के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया था। अब इसी जल से अयोध्या में भी भगवान राम का शुभारंभ के बाद अभिषेक किया जाएगा।
यह जानकारी पत्रकारों को कार्यक्रम के कन्वेनर डॉ विक्रांत सिंह तोमर ने दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में विनय सह बुद्धे, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत, योग गुरु एचआर नागेंद्र आदि मौजूद रहे। इस दौरान स्वामी योगानंद सरस्वती यूरोपियन योगा फेडरेशन इटली के अध्यक्ष, एमी ब्लोसियो गायत्री देवी यूरोपियन योगा फेडरेशन की उपाध्यक्ष, योगविद्या जर्मनी के संस्थापक श्री सुखदेव जी, डॉ श्वेता तोमर आदि मौजूद थे। इस अवसर पर इन्होंने अपने अनुभव साझा किए।