दिन में मुख्य कार्यक्रम के आयोजन को देश के करोड़ों लोग मंदिरों, मोहल्ले में एक साथ देखेंगे
उज्जैन, अग्निपथ। पूरे देश में रामजन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत देश में पहली बार 22 जनवरी को दीपावली मनेगी। रंगोली से घर के दरवाजे सजेंगे और दिन में एक साथ मंदिरों में बैठकर करोड़ों लोग रामजन्मभूमि का प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखेंगे। इसके लिए देश भर में प्रत्येक घर और मोहल्ले के लोगों को जोडऩा शुरू कर दिया गया है। उज्जैन में भी इसी योजना के तहत कार्यक्रम किए जाएंगे।
यह जानकारी आरएसएस के उज्जैन महानगर के संघ चालक योगेश भार्गव और सह प्रचार प्रमुख प्रतीक से बेडकर ने दी। उन्होंने बताया कि संघ की दृष्टि से बांटे गए उज्जैन महानगर के सात नगर और 65 बस्ती के साथ ही 544 मोहल्लों में आयोजन की तैयारी की जा रही है।
25 नवंबर से 5 दिसंबर तक जिला स्तर पर समन्वय बैठकों का आयोजन हुआ था। इस दौरान धार्मिक एवं सांस्कृतिक संगठनों से चर्चा की गई। 5 दिसंबर से 20 दिसंबर तक समाज प्रमुख, सामाजित धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजक, गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव समितियों के प्रमुखों से चर्चा करके कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया गया है। इस समय मंडल, बस्ती जागरण की बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
1 से 15 जनवरी तक गृह संपर्क अभियान चलेगा
रामजन्मभूमि न्यास के आग्रह पर घर -घर संपर्क किया जा रहा है। ताकि आयोजन को वृहत रूप से किया जा सके। इस दौरान प्रत्येक हिंदू परिवार को पीले चावल, भगवान राम का चित्र और पत्रक देकर कार्यक्रम में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया जाएगा। क्योंकि सालों से भगवान राम के मंदिर के लिए आंदोलन किया जा रहा था। अब इस पीढ़ी के लोगों को अवसर मिला है कि वे भगवान राम की जन्मभूमि की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देख सकें।
चूंकि हर देशवासी चाहता है कि उसे अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिले। परन्तु सभी के वहां एक साथ जाने से व्यवस्था नहीं बन पाएगी। इसलिए अपने घर और मोहल्ले में रहकर उत्सव का सहभागी बनने और टीवी पर मंदिरों में एक साथ समाज के लोगों के साथ बैठकर कार्यक्रम को देखने का आग्रह किया गया है। शाम में दीपक जालने, पटाखे फोडक़र खुशी मनाने का आग्रह किया जा रहा है।
विक्रमादित्य ने किया था राममंदिर का जीर्णोद्धार
संघ चालक ने बताया कि राम जन्मभूमि का जीर्णोद्धार राजा विक्रमादित्य ने कराया था। उस समय घरों में दीये जलाए गए थे। हर तरफ आतिशबाजी हुई थी। इसलिए उज्जैन में भी इसी तरह के आयोजन की रूपरेखा बनाई गई है। उन्होंने बताया कि उपमा दी जाती है कि उस समय मंदिर में एक सोने का शिखर था और सात आसपास छोटे शिखर थे। बताया जाता है कि मंदिर से चालीस किलोमीटर मीटर दूर माणिकपुर से सूर्य की रोशनी में सोने का शिखर चमकते हुए स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था। उन्हीं के समय में ही भारत को सोने की चिडिय़ा का खिताब मिला था। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के शिखर की ऊंचाई 161 फीट की है। 380 लंबा और 250 फुट चौड़ाई ।
22 जनवरी को दिन में रामजन्मभूमि उत्सव, रात में दीपावली मनेगी
संघ चालक भार्गव ने बताया कि 22 जनवरी को मेरा गांव मेरा शहर रामजन्मभूमि उत्सव को मनाएगा। घर घर, मंदिर और सडक़ पर पानी का छिडक़ाव करके साफ किया जाएगा। बंदनवार लगाए जाएंगे। स्वागतद्वार से सजाया जाएगा। मोहल्लों, गांव शहर में हवन पूजन, भजन, सुंदरकांड, कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा। दोपहर में सभी लोग मंदिर में जाकर टीवी पर एक साथ रामजन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव समारोह को एक साथ देखेंगे। रात में हर घर में राम और हर घर दीपावली का आयोजन किया जाएगा। पटाखे जलाकर एक दूसरे को शुभकामनाएं दी जाएगी। ताकि सबके राम और सबमें राम का नारा सार्थक हो सके।