सिंहस्थ के पहले शिप्रा का पानी आचमन व पीने योग्य बनायें: डॉ. मोहन यादव

शिप्रा शुद्धिकरण की बैठक में सीएम ने कहा – शिप्रा नदी में नालों का गंदा पानी रोकने के लिए

सभी जगह बनाएं स्टाप डैम

उज्जैन, अग्निपथ। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि देश एवं प्रदेश का सबसे बड़ा कुंभ मेला सिहस्थ 12 वर्ष में एक बार उज्जैन में जब सिंह राशि में बृहस्पति प्रवेश करते हैं, तो आयोजित किया जाता है। उक्त मेले में साधु, संत, महामंडलेश्वर, गणमान्य नागरिक एवं आम जनता बड़ी संख्या में शामिल होने आती है। सिंहस्थ मेला का आयोजन न केवल उज्जैन के लिए अपितु प्रदेश एवं देश के लिए एक गौरवशाली क्षण होता है।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि शिप्रा नदी में श्रद्धालु स्नान करते हैं। आवश्यकता है कि शिप्रा नदी का पानी स्वच्छ निर्मल एवं आचमन योग्य हो इसलिए इंदौर, उज्जैन एवं देवास के सभी संबंधित अधिकारी शिप्रा नदी में इंदौर, उज्जैन एवं देवास के नालों का गंदा पानी ना मिले, इसकी कार्य योजना बनाएं। सभी जगह गंदे पानी को रोकने के लिए पर्याप्त संख्या में जगह-जगह स्टॉप डैम बनाएं।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि उज्जैन के अलावा सिंहस्थ मेले का इंदौर, देवास, ओंकारेश्वर दादा धुनी वाले, पशुपतिनाथ मंदिर, बगलामुखी मंदिर में भी सिंहस्थ मेले का विस्तार रहता है। सभी जगह आम जनता की सहभागिता रहती है । हमारी संकल्पना है कि जब श्रद्धालु आए तो मेले में गौरव का अनुभव करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिप्रा नदी का पानी आचमन योग्य एवं पीने योग्य तथा साफ हो इसके लिए शिप्रा में नालों का गंदा पानी ना मिले इसकी कार्य योजना इंदौर एवं उज्जैन संभाग के अधिकारी तैयार करें। सिहस्थ 2028 की प्लानिंग में साधु संतों की सलाह पर ही सारी कार्य योजना बने ।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने पूर्व में कान्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा में रोकने के लिए बनाई गई 99 करोड़ रुपए की असफल डवयवर्शन प्लानिंग पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 2016 के सिंहस्थ में अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि शिप्रा नदी शुद्ध एवं साफ रहेंगी पानी पीने योग्य रहेगा लेकिन करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी बनी योजना असफल रही। योजना असफल क्यों हुई इसका पता लगाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा दोबारा ना हो। एक बार में ही ऐसी योजना बनाई जाए की शिप्रा हमेशा के लिए शुद्ध साफ एवं उसका पानी पीने योग्य, आचामन योग्य बन जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार गलत प्लानिंग हुई तो अधिकारियों के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी ।

नमामि गंगे के तहत मांगेगे बजट

उन्होंने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत दोबारा केंद्र सरकार से शिप्रा शुद्धिकरण के लिए आवश्यक बजट की मांग की जाएगी । इसके लिए उन्होंने अधिकारियों पे केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बात करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने उक्त निर्देश उज्जैन में आयोजित सिहस्थ 2028 हेतु विकास कार्य एवं शिप्रा शुद्धिकरण की बैठक में इंदौर एवं उज्जैन संभाग के संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर्स को दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता पडऩे पर महाकाल लोक फेस 3 के कार्य भी कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिप्रा के उद्गम स्थल से लेकर समाप्ति स्थल तक में विभिन्न घाटों में सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्लान बनाए जाएंगे।

हमेशा की तरह इस बार भी गौरवशाली सिंहस्थ मनाएंगे

मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा कि हमेशा की तरह इस बार भी सिंहस्थ मेला हम अपने गौरवशाली सनातन परंपरा के अनुसार मनाएंगे। इसके लिए शिप्रा नदी शुद्धिकरण के साथ ही उज्जैन के महाकाल मंदिर तक जाने के लिए सडक़ मार्ग चौड़ीकरण, मंदिर तक जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग की प्लानिंग, पावर स्टेशन, हवाई पट्टी विस्तार, संग्रहालय, यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था, वाहन पार्किंग आदि के भी विकास कार्य करने होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए भी वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। वाहन पार्किंग एवं शुद्ध पेयजल तथा ठहरने की उत्तम व्यवस्था भी की जाएगी और इन सब की कार्य योजना 2028 से पहले बनाकर पूर्ण कर ली जाएगी।

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