समस्त विश्वविद्यालयों को एक पटल पर लाकर शैक्षणिक विचारों का आदान प्रदान होगा: कुलपति पांडेय

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सौजन्य से 2 फरवरी को राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के 270 से अधिक शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति जुटेंगे। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के स्वर्ण जयंती सभागृह में देश के विभिन्न भागों के शिक्षाविद 2 फरवरी 2024 को एकत्रित होंगे। इस महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल करेंगे।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मध्य क्षेत्र क्रियान्वयन समिति के लीड कॉर्डिनेटर हैं। उनके मार्गदर्शन में यह आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय में रखा गया है। इस संबंध में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय द्वारा समय-समय पर आयोजन की तैयारियों का जायज़ा लिया जा रहा है।

कुलपति ने आयोजन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि समस्त विश्वविद्यालयों को एक पटल पर लाकर शैक्षणिक विचारों का आदान प्रदान हो सके, यही इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। अपनी बात को बढ़ाते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि शिक्षा का आदान-प्रदान शैक्षणिक संस्थानों का प्रमुख दायित्व है, और संस्थानों को इसे ईमानदारी से निभाना चाहिए। यह आयोजन इसी शृंखला में एक अहम कदम है।

कुलपति जी ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी सदस्य उत्तम अतिथि सत्कार का परिचय दें। कार्यक्रम उज्जैन की गरिमा और विक्रम विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम है अत: इस कार्यक्रम की विभिन्न व्यवस्थाओं की तैयारी में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं डीएसडब्ल्यू प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु विभिन्न समितियों का गठन किया गया है, जो अपने दायित्व का एकजुटता और एकरूपता से निर्वाह कर कार्यक्रम को सफल बनाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक कार्यक्रम के लिए 300 से अधिक लोगों ने पंजीयन करवा लिया है।

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