पीएम मोदी ने वर्चुअल शुभारंभ किया, विक्रम विश्वविद्यालय को 100 करोड़ का अनुदान स्वीकृत हुआ
उज्जैन, अग्निपथ। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार मंगलवार को विक्रम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी के सभागार में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा जम्मू में आयोजित राज्यों के शिक्षण संस्थानों को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान पीएम उषा योजना के तहत 78 परियोजनाओं के लिये 3600 करोड़ रुपये से अधिक की घोषणा के कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण स्क्रीन के माध्यम से अतिथियों द्वारा देखा गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, विवेक जोशी, ओम जैन, राकेश पण्ड्या एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह और पुष्पगुच्छ भेंटकर किया। कुलपति प्रो.पाण्डेय ने स्वागत भाषण दिया और उषा योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
स्किल आधारित रही है भारत की शिक्षा व्यवस्था
मुख्य अतिथि मंत्री श्री परमार ने इस अवसर पर कहा कि भारत की शिक्षा स्कील आधारित रही है। अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में भारतीय गुरूकुल पद्धति को तोडऩे के लिये कई प्रयास किये पर भारत की शिक्षा प्रणाली और यहां की संस्कृति सदैव बनी रही। प्राचीनकाल से उज्जैन को समय का मानक माना जाता था।
गुरू सान्दीपनि और महाकवि कालिदास की कर्मस्थली होने के कारण उज्जैन सदैव से ही शिक्षा का केन्द्र रहा है। मध्य प्रदेश में विक्रम विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अपनाने वाला मध्य प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बना है। यह अत्यन्त हर्ष का विषय है कि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के अन्तर्गत बहुविषयक एवं शोध विश्वविद्यालय समूह के अन्तर्गत 100 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत हुआ है।
बुनियादी ढांचा मजबूत करने के लिए पीएम उषा योजना
मंत्री श्री परमार ने कहा कि पीएम उषा योजना का उद्देश्य राज्यों को उनकी उच्च शिक्षा प्रणालियों में सुधार के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार गतिविधियों के लिये अधिक प्रभावी संसाधन आवंटन तथा घटकों को सुव्यवस्थित करने हेतु लचीलापन प्रदान करती है।
स्वीकृत हुई राशि को मुख्यत: विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, नवीन उपकरण खरीदने और विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता तथा आंतरिक ढांचा मजबूत करने के लिये इस्तेमाल किया जायेगा।
इसके पश्चात विश्वविद्यालय में उषा योजना का प्रस्ताव बनाने वाली समिति के संचालक डॉ.कमलेश दशोरा ने योजना के अन्तर्गत पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन दिया। इसके पश्चात सभी ने प्रधानमंत्री के जम्मू में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा।
अतिथियों द्वारा प्रो.धर्मेन्द्र मेहता के द्वारा व्यवसाय प्रबंध संस्थान निदेशक विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा सह-सम्पादित, एलपीए नईदिल्ली, एमआईटीडब्ल्यूपीयू पुणे के सह-संयोजन में नव-प्रकाशित, मुद्रित अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी शोध पत्रों पर आधारित इनोवेटिव टेक्नालॉजी एण्ड एप्लीकेशंस सस्टेनेबल लायब्रेरी सर्विसेस का विमोचन भी किया गया।
संचालन विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो.शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया। आभार कुलसचिव प्रो.अनिल शर्मा ने व्यक्त किया।