खर्च के लिए पहले मंजूरी लेना जरूरी, खर्च लिमिट भी वित्त विभाग ने तय की, लाड़ली लक्ष्मी योजना भी शामिल
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन स्मार्ट सिटी व महाकाल परिसर विस्तार योजना सहित प्रदेश की करीब 102 योजनाएं वित्त विभाग की हरी झंडी के लिए लटक गई है। नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही वित्त विभाग ने विभागों के खर्च की लिमिट तय कर दी है। अब योजनाओं के भुगतान पर वित्त विभाग की परमिशन अनिवार्य हो गई है। अब अगले 4 महीनों में 43 विभागों की कुल 102 योजनाओं पर फाइनेंस की परमिशन बगैर पेमेंट नहीं किए जा सकेंगे।
इन योजनाओं में चार स्मार्ट सिटी, लाड़ली लक्ष्मी योजना, महाकाल परिसर विकास योजना, राम वनगमन अंचल विकास योजना, वेदांत पीठ की स्थापना, बालिका स्कूटी योजना, सडक़ों के निर्माण, तीर्थ यात्रा योजना, ग्रामीण परिवहन नीति, नक्सल जिलों में आईटीआई, देवारण्य योजना शामिल हैं।
60 योजनाओं व कार्यक्रमों का भुगतान अधिकारी कर सकेंगे
दूसरी ओर सरकार ने 30 विभागों की 60 योजनाओं और कार्यक्रमों में होने वाले खर्च के भुगतान के लिए सक्षम अधिकारियों की अनुमति से पेमेंट को मंजूरी दी है। इस आदेश की खास बात यह है कि आम जन से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं के काम को भले ही वित्त विभाग की सहमति के बाद भुगतान के लिए कहा है। लेकिन, राजधानी और अन्य स्थानों पर कैबिनेट मंत्रियों के बंगलों की साज सज्जा और यहां किए जाने वाले मरम्मत और निर्माण के काम के लिए किसी तरह की रोक नहीं है। इसके लिए गृह विभाग और लोक निर्माण विभाग दोनों ही विभागों को अधिकार दिए गए हैं।
सरकार से परमिशन के बगैर इन योजनाओं के भुगतान नहीं
जिन विभागों की योजनाओं में वित्त विभाग की अनुमति बगैर भुगतान नहीं हो सकेंगे उसमें नगरीय विकास और आवास विभाग के अंतर्गत जबलपुर स्मार्ट सिटी, ग्वालियर स्मार्ट सिटी, उज्जैन स्मार्ट सिटी, सागर स्मार्ट सिटी, सतना स्मार्ट सिटी, शहरों में अधोसंरचना निर्माण, मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के चौथे चरण, कायाकल्य अभियान, एमपी अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (वर्ल्ड बैंक), एमपी अर्बन सर्विस इक्युपमेंट प्रोग्राम फेस 2 व फेस 3, महाकाल परिसर विकास योजना तथा एमपी अर्बन सेनिटेशन एंड एनवायरनमेंट सेक्टर प्रोग्राम के पेमेंट शामिल हैं।
साथ ही, गृह विभाग की मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना, महिला और बाल विकास की लाड़ली लक्ष्मी योजना और महिलाओं के लिए रोजगार मूलक आर्थिक सहायता के मामले में भी परमिशन जरूरी होगी।
राम वन गमन अंचल विकास के लिए भी परमिशन जरूरी
जारी आदेश के बाद संस्कृति विभाग के अंतर्गत सांची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय, वेदांत पीठ की स्थापना, राम वनगमन अंचल विकास योजना, हिन्दी भवन निर्माण के लिए सहायता के काम वित्त विभाग की अनुमति के बिना नहीं होंगे। साथ ही जनजातीय कार्य विभाग शिक्षा उपकर से ग्रामीण शालाओं का उन्नयन और संधारण, आदिवासी पंचायतों के लिए बर्तन प्रदाय योजना, वन्या प्रकाशन, पीएम जनमन बहुउद्देशीय केंद्र निर्माण योजना, डॉ. टंट्या भील मंदिर का जीर्णोद्धार और राजा संग्राम सिंह पुरस्कार योजना के काम के लिए भी परमिशन लेना होगा।
सडक़ों के निर्माण के लिए भी लेनी होगी अनुमति
वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत डिजिटल इंडिया भूमि रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम, लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत मुख्य जिला मार्गों का नवीनीकरण, उन्नतिकरण व डामरी करण, प्रवास भारतीय विभाग में फ्रेंड्स आफ एमपी कॉन्क्लेव, स्कूल शिक्षा विभाग में महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में पढऩे लिखने के लिए बैठक व्यवस्था और प्रयोगशाला, उत्कृष्ट विद्यालयों का अनुदान, मदरसों में गुणवत्ता परक शिक्षा एवं अधो संरचनात्मक विकास, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना के भुगतान के लिए वित्त की परमिशन जरूरी होगी।
महिला स्वसहायता समूहों को अतिरिक्त ब्याज भुगतान भी रुकेंगे
चार माह के लिए वित्तीय प्रबंधन के अंतर्गत जिन अन्य विभागों के खर्चों पर लगाम लगाने की तैयारी है उसमें उच्च शिक्षा विभाग में छात्रों के लिए पुस्तकें और स्टेशनरी देने, प्रयोग शाला उन्नयन, शासकीय कॉलेजों में वर्चुअल शिक्षण व्यवस्था, ग्रामीण विकास विभाग में महिला स्व सहायता समूहों को अतिरिक्त ब्याज भुगतान योजना के पेमेंट के लिए परमिशन लेना होगी। साथ ही मुख्यमंत्री जन आवास योजना, पीएम आवास योजना, पीएम जनमन योजना (सडक़ और आवास), ऊर्जा विभाग के अंतर्गत स्मार्ट मीटर और स्काडा योजना के लिए अंश पूंजी और ऋण, मुख्य मंत्री कृषक मित्र योजना, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में भी फाइनेंस डिपार्टमेंट की परमिशन के बगैर पेमेंट नहीं होंगे।
सोलर पंप योजना से लेकर देवारण्य योजना भी अटकेंगे
बजट नियंत्रण की इस व्यवस्था के चलते जारी किए गए आदेश के बाद नवीन और नवकरणीय ऊर्जा विभाग की मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के अंतर्गत आयुष्मान भारत, सीएम श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के काम भी प्रभावित होंगे। इसके अलावा उद्योग निवेश संवर्धन सहायता योजना, पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन, सिकल सेल एनिमिया, आशा कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन तथा आयुष विभाग की राष्ट्रीय आयुष मिशन और देवारण्य योजना भी फाइनेंस की अनुमति के दायरे में शामिल हैं।
तीर्थ यात्रा योजना और ग्रामीण परिवहन पर भी लगेगा ब्रेक
वित्त विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के बाद धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग की तीर्थ यात्रा योजना, परिवहन विभाग के अंतर्गत ग्रामीण परिवहन नीति का क्रियान्वयन, पर्यटन विभाग के अंतर्गत पर्यटन अधोसंरचना का विकास, विमानन विभाग के अंतर्गत भू अर्जन के लिए मुआवजा और हवाई पट्टियों का निर्माण और विस्तार करने पर भी ब्रेक लगेगा क्योंकि विभागों के इसके लिए भी परमिशन लेना होगी।
इन योजनाओं के लिए सक्षम अफसर की परमिशन से हो सकेंगे भुगतान
वित्त विभाग द्वारा अलग-अलग तीस विभागों की साठ योजनाओं को सक्षम अधिकारियों की अनुमति से खर्च करने के लिए अधिकृत भी किया है। इसमें नगरीय विकास और आवास विभाग की ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अग्निशमन व्यवस्था के लिए अनुदान, स्थानीय निकायों के लिए प्रोत्साहन योजना, सीएम ग्रीन फील्ड सिटी चैलेंज, गृह विभाग के अधीन कैबिनेट मंत्रियों के आवास की साज सज्जा और संधारण, पुलिस हाउसिंग विशेष केंद्रीय सहायता, महिला और बाल विकास विभाग की नारी अदालत समेत अन्य योजनाएं शामिल हैं।
जेट विमान खरीदी कर सकेंगे, एयर एंबुलेंस का पेमेंट होगा
खर्च के लिए दी गई परमिशन वाले विभागों में स्कूल शिक्षा विभाग की शिक्षा उपकर से ग्रामीण शालाओं का संधारण और उन्नयन, समरसता छात्रावास पीएम श्री, जन निजी भागीदारी से सैनिक स्कूल की स्थापना, योजना आर्थिक और सांख्यिकी में डाटा सुदृढ़ीकरण योजना भी शामिल हैं। साथ ही विमानन विभाग में नए जेट विमान की खरीदी, स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री एयर एंबुलेंस योजना, वन विभाग की चीता प्रबंधन योजना, पंचायत और ग्रामीण विकास में राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा नर्मदा तट पर स्थित ग्राम पंचायतों के लिए अनुदान, भीम बैठका और तामिया के पर्यटन विकास के लिए अनुदान योजना को भी खर्च के लिए परमिट किया गया है।
अलग-अलग महालोक के लिए खर्च करने की भी परमिशन
आदेश में संस्कृति विभाग के अंतर्गत डॉ. केशव हेडगेवार संग्रहालय की स्थापना, संग्रहालयों का उन्नयन और विकास कार्य, अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक, श्री देवी महालोक सलकनपुर, श्री रामराजा महालोक ओरछा, श्रीरामचंद्र वनवासी महालोक चित्रकूट, संत रविदास महालोक सागर के काम के लिए सक्षम अधिकारी की परमिशन के बाद भुगतान हो सकेंगे। लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सडक़ और पुलियों की मरम्मत का काम, कैबिनेट मंत्रियों के आवास की साज सज्जा और संधारण तथा अति विशिष्ट व्यक्तियों के आगमन और कार्यक्रम पर लगने वाले खर्च पर वित्त की परमिशन जरूरी नहीं होगी।