4 प्रतिशत कमीशन लेने के आरोप पर भाजपा के बागी पार्षदों ने उठाए सवाल
नागदा, अग्निपथ। भाजपा बहुमत की नपा परिषद में रोज नया बवाल सामने आ रहा है। अविश्वास प्रस्ताव के भंवर में फंसी नपाध्यक्ष संतोष गेहलोत व उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा के खिलाफ पार्टी पार्षद फिर गरजे है। बायपास स्थित एक निजी होटल में शनिवार शाम आयोजित प्रेसवार्ता में विद्रोही पार्षदों ने 15 अगस्त को दीनदयाल चौक पर हुए पार्टी के सार्वजनिक ध्वजारोहण कार्यक्रम को आधार बनाया है। पार्षदों का कहना है कि ध्वजारोहण समारोह को संबोधन के दौरान अब्दुल चाचा (हमीद) नाम के व्यक्ति ने भाजपा पार्षदों पर 4 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाया है। अगर पार्षदों को 4 प्रतिशत कमीशन मिलता है, तो अब्दुल चाचा को ये खुलासा भी करना चाहिए कि नपाध्यक्ष को कितना कमीशन मिलता है।
पार्षदों ने कहा कि-जब अब्दुल चाचा सार्वजनिक रूप से पार्षदों पर 4 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगा रहे थे, तब समीप ही नपाध्यक्ष के प्रतिनिधि ओपी गेहलोत तालियां बजा रहे थे। इससे स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले हम पार्षदों के आरोप सही है। हमारा ये आरोप भी सही है कि जनता व शासन से मिले बजट का नपाध्यक्ष दुरूपयोग कर रही है।
जहां तक पार्षदों पर कमीशन लेने का आरोप है तो अब्दुल चाचा को पार्षदों को कमीशन बांटने वाले ठेकेदार का नाम भी सार्वजनिक करना चाहिए। ताकि कमीशनखोरी करने वाले पार्षदों के चेहरों से भी पर्दा हटाया जा सके । पत्रकार वार्ता में भाजपा पार्षद शशिकांत मावर,गोलू यादव, ्साहिल शर्मा, महेंद्र सिंह चौहान, शिवा पोरवाल, पार्षद प्रतिनिधि अशोक मावर, भूपेंद्र सिंह राणावत, नरेंद्र सेंगर, रामू सिसौदिया उपस्थित रहे।
अब्दुल चाचा ने बनवाई अवैध होटल
पत्रकार वार्ता में भाजपा पार्षदों ने अब्दुल हमीद पर जमकर निशाना साधा। पार्षद बोले कि जिस व्यक्ति का पार्टी में कोई कद नहीं है, नपा परिषद से जिनका कोई संबंध नहीं है वो हमें संगठन निष्ठा व राजनितिक शुचिता का ज्ञान दे रहे हैं। जबकि ये अब्दुल चाचा वही व्यक्ति है जिन्होंने अपने पार्टनर इस्माईल का अवैध होटल निर्माण कराने में सहयोग किया है।
नपा से होटल निर्माण के लिए अनुमति महात्मा गांधी मार्ग पर जारी की गई है। जबकि होटल का निर्माण राजीव कॉलोनी स्थित जीनिंग परिसर की लीज की जमीन पर हुआ। होटल पूरी तरह अवैध है । नपा से जारी निर्माण अनुमति का भी उल्लंघन हुआ है। ऐसा व्यक्ति हमें कर्तव्य व अनुशासन सिखा रहा है। नपाध्यक्ष को तत्काल अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई कराना चाहिए।
और दे डाली ये बड़ी चुनौती
पत्रकार वार्ता में पार्षदों ने नपाध्यक्ष को खुली चुनौती देते हुए कहा कि नपा द्वारा कराए गए निर्माण व खरीदी के कामों को वो स्वतंत्र जांच एजेंसी से मूल्यांकन कराकर देखे, पता चल जाएगा कि नपा के अफसरों ने उन्हें किस तरह भ्रम में डालकर करोड़ों रूपए की हेराफेरी की है।
पार्टी का संस्थापक सदस्य हूं मैं पार्षदों द्वारा 4 प्रतिशत कमीशन मांगने की बात पर मैं कायम हूं । इतना कमीशन बार-बार नपाध्यक्ष कहां से लाकर देगी। जो ये पूछ रहे हैं कि पार्टी में मेरा कद है। तो उन्हें बता दूं कि मैं पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल हूं। हाल ही में विधानसभा चुनाव में मुझे पार्टी ने लेखापाल का दायित्व सौंपा था। जिसे मैंने सफलतापूर्वक निभाया है। इससे पहले भी कई चुनावों का संचालन करने की जिम्मेदारी मुझे पार्टी ने सौंपा है।
ये उठाए सवाल
- वार्ड 7 में नाला निर्माण के लिए मंजूर 73 लाख कहां खर्च किए
- पार्षदों ने पत्रकारों से चर्चा में नपाध्यक्ष की मनमानी का उदाहरण देते हुए बताया कि वार्ड 7 में नाला निर्माण के लिए 73 लाख रुपए मंजूर किए गए थे। मगर संबंधित वार्ड में काम की खानापूर्ति कर नपाध्यक्ष ने इस राशि का उपयोग वार्ड 6 में करा दिया। ये पद का दुरूपयोग होने के साथ ही घोर अनियमितता है।
- वार्ड 25 व 14 में जहां आवासीय बस्ती नहीं वहां लाखों रुपए की सडक़ निर्माण किसकी अनुमति से किया गया। न तो परिषद ने प्रस्ताव पास किया न पीआईसी ने।
- कचरा वाहनों में 40 लाख खर्च कर जीपीएस लगाने के टेंडर पर वार्ड 2 के पार्षद गौरव यादव द्वारा सवाल उठाकर मात्र 4 लाख में सभी कचरा वाहनों में जीपीएस लगाने के दावे पर टेंडर प्रक्रिया क्यों निरस्त की गई। स्पष्ट है कि लाखों रुपए का गोलमाल नपाध्यक्ष द्वारा कराया जा रहा था।
- आउटसोर्स पर 140 कर्मचारियों को रखा गया। जबकि परिषद की बैठक में भाजपा के साथ कांग्रेस पार्षदों ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी। बावजूद कर्मचारियों की भर्ती कागजों पर की गई। जबकि हकीकत में 25 प्रतिशत आउटसोर्स कर्मचारी भी नहीं रखे गए। और भुगतान 140 कर्मचारियों को करना बताया गया।