संस्कृति मंत्री के साथ अखिल भारतीय कालिदास समारोह स्थानीय समिति की बैठक संपन्न, प्रदर्शनी के कैटलॉग और यूट्यूब चैनल का भी विमोचन
उज्जैन, अग्निपथ। संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2024 गरिमामय पूर्ण और अत्यंत भव्य हो। समारोह की स्थानीय समिति के सदस्यों द्वारा कार्यक्रम की रचना और योजना तैयार कर ली जाएं। वर्ष 2023 और 2024 के कालिदास सम्मान एक साथ इसी समारोह में दिए जाएंगे।
संस्कृति मंत्री लोधी आज उज्जैन की कालिदास अकादमी में आयोजित अखिल भारतीय कालिदास समारोह स्थानीय समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में 12 नवंबर से 18 नवंबर तक आयोजित होने वाले कालिदास समारोह के स्वरूप और प्राप्त प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, पद्मश्री भगवती लाल राजपुरोहित, शिव चौरसिया, संभागायुक्त संजय गुप्ता , कलेक्टर नीरजकुमार सिंह, कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय अखिलेश कुमार पांडे, कुलगुरु महर्षि पाणिनि संस्थान विजय कुमार मेनन, कालिदास अकादमी के निदेशक गोविंद गंधे, संस्कार भारती के प्रमुख श्रीपद जोशी सहित अन्य स्थानीय समिति के सदस्य मौजूद थे।
संस्कृति मंत्री ने कहा कि महाकवि कालिदास की रचनाएं अद्भुत और अविस्मरणीय है। उसी प्रकार कालिदास समारोह भी और अधिक भव्य रूप में आयोजित किया जाए। उन्होंने अखिल भारतीय कालिदास समारोह से जुड़े सभी समिति सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि हमें कालिदास समारोह को और अधिक विस्तृत कर नहीं ऊंचाइयों पर पहुंचाना हैं। स्थानीय समिति की बैठक भी वर्ष में दो बार आयोजित की जाए जिसमें पहली बैठक में समारोह के आयोजन के संबंध में सुझाव आमंत्रित किए जाए और दूसरी बैठक मे महत्वपूर्ण सुझावों को अमलीजामा पहनकर उनका क्रियान्वयन करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के कालिदास सम्मान समारोह के लिए आज प्राप्त सुझाव को कंपाइल कर उन पर काम किया जाए।
संस्कृति मंत्री लोधी ने कहा कि कालिदास सम्मान समारोह की गरिमा और गौरव को बढ़ाने के लिए सतत प्रयास किए जाएं। समारोह के पूर्व और दौरान प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएं। समिति सदस्यों को जो दायित्व सौपें जाएं उनके वह गंभीरता से निर्वहन करें। समारोह में व्यापक सहभागिता के लिए आमंत्रण कार्ड वितरित किए जाएं।
समारोह से जुड़ी निजी संस्थाओं को अनुदान पर विचार
समारोह से जुड़ी निजी संस्थाओं को अनुदान दिए जाने पर भी विचार किया जाए। समारोह में बड़े कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकारों को भी आमंत्रित करें। संस्कृत भाषा के साथ अन्य लोक बोलियां में भी कवि सम्मेलन आयोजित किए जाए। मेला और कालिदास समारोह के आयोजन एक साथ न हो इस पर विचार करें।
बैठक में स्थानीय समिति के सदस्य द्वारा प्रमुख रूप से समझ में मालवा के स्थानीय कलाकारों को अवसर दिए जाने, समारोह में भारत की साहित्यिक सांस्कृतिक समृद्धता को बनाए रखने, अश्विनी शोध संस्थान की प्रदर्शनी का बेहतर प्रदर्शन और अतिथियों को प्रदर्शनी से अवगत कराने, कालिदास की रचनाओं पर केंद्रित नृत्य का आयोजन, ईमेल के माध्यम से समारोह के लिए लोकप्रिय कलाकारों को आमंत्रित करने, संस्कृत भाषा के कवियों का सम्मेलन, कालिदास जी की रचनाओं पर व्याख्यान माला, संस्कृत भाषा के साथ प्राकृत और अपभ्रंश पर भी ध्यान दिए जाने इत्यादि सुझाव दिए गए।
बैठक के पश्चात संस्कृति मंत्री श्री लोधी द्वारा महाकवि कालिदास की रचनाओं पर केंद्रित मूर्तिकला, चित्रकला प्रदर्शनी का विमोचन किया गया। साथ ही प्रदर्शनी के कैटलॉग और यूट्यूब चैनल का भी विमोचन किया गया। संचालन डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा और आभार प्रदर्शन कालिदास अकादमी के निदेशक गोविंद गंधें दारा किया गया।