वीडियो वायरल होने पर आपत्ति उठी, 10 कर्मचारी सस्पेंड
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर परिसर में कर्मचारियों ने केक काटकर सहकर्मी युवती का बर्थडे सेलिब्रेट किया। मामला मंगलवार का है। इसका वीडियो बुधवार को सामने आया। जिसके बाद मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ के निर्देश पर 10 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, पुजारी ने भी इसे धार्मिक मान्यताओं के उलट बताया है।
मंदिर परिसर में प्रोटोकॉल ऑफिस के पास भोपाल की एआर(ऑग्मेंटेड रियलिटी) कंपनी को वीआर (वर्चुअल रियलिटी) तकनीक से महाकाल मंदिर की भस्म आरती दिखाने का टेंडर मिला है। कंपनी के 12 से ज्यादा कर्मचारी रोजाना श्रद्धालुओं को भस्म आरती के दर्शन करवाते हैं। मंगलवार को कर्मचारी रचना विश्वकर्मा का जन्मदिन था। प्रोटोकॉल कार्यालय के फर्स्ट फ्लोर पर साथी कर्मचारियों ने बाकायदा केक काटकर उसका बर्थडे मनाया।
सेलिब्रेशन का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।। वीडियो में केक काट रही युवती के साथ कर्मचारी दिखाई दे रहे हैं। युवती मंदिर परिसर में ही केक काट रही है। वीडियो में महाकाल लोक भी दिख रहा है।
पुजारी बोले- मंदिर परिसर में केक काटना धर्म के विपरीत
वीडियो सामने आने के बाद महाकाल मंदिर समिति के पूर्व सदस्य महेश पुजारी ने कहा कि अगर जन्मदिन मंदिर में ही मनाना हो, तो महाकाल के दर्शन करें। भस्म आरती में शामिल हों, हार पहनें। पंडित जी का आशीर्वाद लेकर जन्मदिन मनाया जा सकता है। लेकिन इस तरह से मंदिर परिसर में केक काटना धर्म के विपरीत है।
कंपनी ने 10 ऑपरेटरों को किया सस्पेंड
इस मामले में कंपनी ने भी मंदिर समिति को अपनी ओर से सफाई देते हुए पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि कर्मचारियों की ओर से बिना पूर्व सूचना या अनुमति के केक कटिंग की गई थी। अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है। कंपनी ने भविष्य में ऐसी घटना नहीं होने का आश्वासन दिया है। घटना के बाद कंपनी ने कड़ा एक्शन लिया है।
इनमें ऑपरेटर चेतना विश्वकर्मा, यश गहलोत, हर्षिता सिसोदिया, आकाश उज्जैनिया, शिवानी मकवाना, राज सरगरा, विनोद मकवाना, हर्षिता आर्या, शक्ति सिंह और राधिका त्रिपाठी को सस्पेंड किया गया है।
पहले भी नंदीगृह में केक काटने की हो चुकी है घटना
करीब 6 साल पहले महाकाल मंदिर के नंदी गृह में नंदिनी जोशी और साधना उपाध्याय नाम की श्रद्धालुओं ने केक काटकर जन्मदिन मनाया था। इसका वीडियो सामने आने के बाद तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर कोर्ट में दोनों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धारा 107 और 116 के तहत केस दर्ज कर नोटिस जारी किए गए थे। दोनों का मंदिर में एक महीने तक प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था। यहीं नहीं, सहयोग करने वाली महिला होम गार्ड पर भी कार्रवाई की गई थी।