आपात स्थिति में तुरंत मिलेगी सहायता…सिंहस्थ में शिप्रा नदी में 4 जगह चलेगी वाटर एम्बुलेंस

42 हजार पुलिसकर्मियों का फोर्स शासन से मांगने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल की नगरी उज्जैन में साल 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ की बेहतर तैयारी के लिए पहली बार प्रयागराज महाकुंभ के अफसरों की मदद बतौर एक्सपर्ट ली जाएगी। प्रयागराज महाकुंभ के कई प्रयोग यहां अपनाए जाएंगे। स्नान, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को समझकर लौटे उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि प्रयागराज और उज्जैन के महाकुंभ में जमीन आसमान का अंतर है।

हमारे यहां का कुंभ शहर के अंदर है और वहां शहर से बाहर। इसीलिए प्रयागराज कुंभ से जुड़े, पुलिस, प्रशासनिक अफसरों को यहां आमंत्रित किया है, ताकि यहां किस तरह से शहर के अंदर लगने वाले महाकुंभ को बेहतर बनाया जा सकता है। वाटर एम्बुलेंस समेत कुछ प्रयोग वहां के बहुत ही बेहतर जिन्हें यहां भी अपनाएंगे।

उज्जैन के सिंहस्थ महापर्व को बेहतर बनाने के लिए यहां के अफसरों को प्रयागराज भेजा रहा है, जो वहां रहकर स्नान व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन से लेकर सुरक्षा इंतजाम सभी के अनुभव लेकर लौट रहे हैं। बुधवार को कलेक्टर नीरजकुमार सिंह व एसपी प्रदीप शर्मा लौट आए। एसपी शर्मा ने बताया कि सिंहस्थ में 20 करोड़ श्रद्धालुओं के हिसाब से तैयारी होगी।

इसके लिए 42 हजार पुलिसकर्मियों का फोर्स शासन से मांगने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। पहली बार शिप्रा में तीन से चार स्थानों पर वाटर एम्बुलेंस का भी प्रयोग किया जाएगा। इसका फायदा ये होगा कि आपात स्थिति में अगर किसी को अस्पताल भिजवाना है तो उसे भीड़ से निकालकर ले जाने का समय बचेगा। वाटर एम्बुलेंस के जरिए टीम इमरजेंसी मार्ग के समीप तक चंद मिनट में ले जाएगी।

सिंहस्थ क्षेत्र में पुलिस के लिए स्थाई आवास भी बनेंगे

  • मेला क्षेत्र में पुलिस का स्थायी कंट्रोल रूम, वॉकी-टॉकी काम न करे तो एलईडी स्क्रीन से संवाद होगा
  • सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थायी पुलिस कंट्रोल रूम बनवाया जाएगा, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस रहेगा।
  • पहली बार पुलिस फोर्स के लिए मेला अवधि तक एक ही क्षेत्र तय किया जाएगा, फोर्स की ड्यूटी पाइंट नहीं बदलेंगे।

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