सागर के राहतगढ में हुआ हादसा
धार, अग्निपथ। जिले के धरमपुरी नगर परिषद के कर्मचारियों सहित छह लोगों को लेकर प्रयागराज महाकुंभ जा रही कार मंगलवार को सागर जिले में हादसे का शिकार हो गई। दो ट्रालों की टक्कर से बीच में फंसी कार में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि धामनोद के पूर्व पार्षद सहित तीन अन्य घायल हो गए।
मिली जानकारी के अनुसार धार जिले के धरमपुरी निवासी छह युवक कार से प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में स्नान के लिए जा रहे थे। इसी दौरान उनकी कार मंगलवार की सुबह सागर जिले के राहतगढ़ थाना क्षेत्र से गुजर रही थी तभी मसुरयाई मोड़ पर सामने से आ रहे कंटेनर से जा टकराई। आरजे 06 जीएफ 9792 ने, अचानक से क्रॉसिंग कर दी, वही एक और दूसरा ट्राला आ गया दोनों तरफ से टक्कर मार दी।
जिसके कारण कार एक्सल सिक्स क्रमांक एमपी 09 8085 भयानक सडक़ हादसे का शिकार हो गई। इस टक्कर के बाद ट्राले और कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार तीन लोगों की दर्दनाक मौत जबकि तीन घायल हो गए। दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने, शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।
यह घटना क्षेत्रीय लोगों के लिए एक बड़ा सदमा बन गई है। कार के चालक और सवारों के परिजनों में शोक का माहौल है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस हादसे में कार में सवार धरमपुरी नगर पालिका के कर्मचारी अरविंद कानूनगो, अजय जायसवाल और विदिशा के रहने वाले देवेंद्र की मौत हो गई। इसके अलावा दुर्घटना में धामनोद के पूर्व पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता दिनेश केवट, सन्नी जायसवाल निवासी मंडला और आशीष जायसवाल घायल हुए। घायलों को उपचार के लिए राहतगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
बताया गया है कि यह हादसा इतना भीषण था कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इसी के चलते कार में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। आशंका इस बात की जताई जा रही है कि कार और सामने से आ रहा कंटेनर बहुत तेज रफ्तार से दौड़ रहे थे।
उल्लेखनीय है कि राज्य में ठंड का असर बना हुआ है। कई हिस्सों में सुबह के समय कोहरा भी छाया रहता है, जिससे सडक़ हादसे होने की आशंका बनी रहती है। इस हादसे के पीछे भी यही आशंका जताई जा रही है। राज्य में ठंड के साथ कोहरा छाए रहने की वजह से कई हादसे हो चुके हैं। यही कारण है कि पुलिस और प्रशासन की ओर से आम लोगों को वाहन को संभलकर और कम रफ्तार से चलाने की सलाह दी जाती है। उसके बावजूद वाहन चालक रफ्तार नियंत्रित नहीं करते, परिणामस्वरूप हादसे हो जाते हैं और कई लोगों की जान भी चली जाती है।