आठ दिवसीय गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से, देवी उपासना का मिलेगा पांच गुना फल

ujjain Harsiddhi deepmalika

शुक्र और शनि का नक्षत्र परिवर्तन कई क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव लेकर आयेगा

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक माघी गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। इस वर्ष गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से 6 फरवरी तक रहेगी। यह नवरात्रि देवी उपासकों और साधकों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दौरान उपासक अपनी साधना और उपासना के अनुसार विभिन्न मंत्रों एवं पाठों का जाप करते हैं। देवी मंदिरों में विशेष अनष्ठान भी आयोजित किए जाते हैं।

इस बार षष्ठी और सप्तमी तिथि एक ही दिन पडऩे के कारण गुप्त नवरात्रि कुल आठ दिनों की होगी। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि इस वर्ष गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 30 जनवरी, गुरुवार से होगा और पूर्णाहुति 6 फरवरी, गुरुवार को होगी। शुभ दिन पर नवरात्रि का आरंभ और समापन होना सकारात्मक संदेश देता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति और धार्मिक प्रगति का प्रभाव पूरे भारतवर्ष में देखने को मिलेगा।

इसके अलावा, वृद्धजनों को रोग दोष से मुक्ति मिलेगी और उनके सेहत में शीघ्र सुधार होगा। 9 दिवसीय साधना के अंतर्गत गृहस्थ, संन्यासी, योगी, साधक और उपासक अपनी संकल्प सिद्धि के लिए सप्तशती के पाठ, श्रीमद् देवी भागवत महापुराण, तथा दिव्य मंत्रों के अनुष्ठान गुप्त रूप से करते हैं।

शक्तिपीठ हरसिद्धि में करेंगे साधना

गुप्त नवरात्रि के दौरान गुप्त साधनाएं भी की जाती है। वहीं विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री हरसिद्धि माता मंदिर में भी नौ दिनों तक माता का पूजन व श्रृंगार होगा। मंदिर के महंत रामचंद्र गिरी ने बताया कि सिद्ध शक्तिपीठ होने से यहां गुप्त नवरात्र में आत्म कल्याण के लिए साधक माँ भगवती का अनुष्ठान व नियमित पाठ करते है। भक्तों द्वारा मंदिर परिसर स्थित दीप मालिका को भी प्रज्ज्वलित कराया जाता है। माता की कृपा से सभी कार्य सिद्ध होते है।

15 दिन में प्रमुख तीज-त्योहार भी रहेंगे

माघ मास का शुक्ल पक्ष 15 दिवस का रहेगा। इन 15 दिवसों में एक तिथि का क्षय होगा। शुक्ल पक्ष में अलग-अलग प्रकार के तीज त्योहारों का भी संयोग रहेगा। जिसके अंतर्गत 1 फरवरी को वरद तिल कुंद चतुर्थी पर गणपति का पूजन व 3 फरवरी को सरस्वती की प्रसन्नता के लिए माता सरस्वती का पूजन किया जाएगा। इसी दिन खटवांग जयंती भी रहेगी। वहीं 4 फरवरी को माँ नर्मदा के प्राकट्य उत्सव पर नर्मदा परिक्रमा की जा सकती है। इसी तरह 5 फरवरी को भीष्म अष्टमी व गुप्त नवरात्रि की अष्टमी रहेगी। यह पक्ष काल अनुकूल है और इस पक्ष काल में ग्रहों के योग संयोग भी अनुकूल फल प्रदान करेंगे।

शुक्र और शनि के नक्षत्र परिवर्तन का प्रभाव

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि नवग्रहों में विशेष महत्व रखने वाले शुक्र और शनि इस दौरान नक्षत्र परिवर्तन करेंगे, जिससे कई क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। शुक्र 1 फरवरी को प्रात: 9 बजे उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसका प्रभाव कृषि, कार्य क्षेत्र और कला जगत में उन्नति के रूप में दिखाई देगा।

साथ ही, वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति की प्रतिष्ठा और प्रभाव बढ़ेगा। शनि 2 फरवरी को सायंकाल पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इससे व्यापार-व्यवसाय और कार्य की गति में तेजी आएगी। स्टार्टअप और तकनीकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे, जिसका फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा। इन ग्रह परिवर्तनों के कारण व्यवसायिक और आर्थिक दृष्टि से यह समय भारत के लिए अनुकूल रहेगा।

Next Post

अहमदाबाद की युवती ने कंठाल के समीप होटल में फांसी लगाई, मौत

Wed Jan 29 , 2025
मंगेतर के साथ उज्जैन घूमने आई थी, फोन पर किसी और युवक से बात के बाद उठाया आत्मघाती कदम उज्जैन, अग्निपथ। कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित कंठाल चौराहे की गुरुकृपा होटल में अहमदाबाद की युवती ने मंगलवार रात दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह अपने मंगेतर के साथ उज्जैन […]