किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनरायण त्रिपाठी भी निष्कासित
नई दिल्ली। प्रयागराज महाकुंभ में सन्यास दीक्षा लेकर महामंडलेश्वर बनीं फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को बड़ा झटका लगा है। दीक्षा पाने के 7 दिन बाद ही उनकी महामंडलेश्वर की पदवी छीन ली गई है। इसके साथ ही ममता को किन्नर अखाड़े से निष्कासित भी कर दिया गया है।
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने एक पत्र जारी कर ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निष्कासित करने और महामंडलेश्वर की पदवी से हटाने के बारे में जानकारी दी। अजय दास ने किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी अखाड़े से निष्कासित कर दिया है।
इसकी वजह यह बताई गई की त्रिपाठी ने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया। और उनकी जानकारी के बिना फिल्म अभिनेत्री को महामंडलेश्वर बनाया था।
पिछले सप्ताह ही लिया था संन्यास
गौरतलब है कि फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी 24 जनवरी 2025 को प्रयागराज पहुंची। यहां उन्होंने संन्यास परंपरा के अनुसार अपना पिंडदान कर संन्यास की दीक्षा ली। दीक्षा के बाद वह यामाई ममता नंद गिरी बन गई। किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी है। इससे वह अखाड़े की साध्वी के रूप में जानी जाएंगी।
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किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने क्या कहा
किन्नर अखाड़े के ऋषि अजय दास ने जारी पत्र में लिखा है ”मैं किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने के नाते आज आपको यह विदित करते हुए जानकारी देता हूं कि किन्नर अखाड़े के 2015-16 उज्जैन कुंभ में मेरे द्वारा नियुक्त आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को मैं आचार्य महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा के पद से मुक्त करता हूं।
शीघ्र इन्हें लिखित सूचना दे दी जाएगी, क्योंकि जिस धर्म प्रचार-प्रसार व धार्मिक कर्मकांड के साथ ही किन्नर समाज के उत्थान इत्यादि की आवश्यकता से उनकी नियुक्ति की गई थी, यह उस पद से सर्वदा भटक गए हैं।
इन्होंने मेरी बिना सहमति के जूना अखाड़ा के साथ एक लिखित अनुबंध 2019 के प्रयागराज कुंभ में किया। जो की अनैतिक ही नहीं अपितु एक प्रकार की 420 है।”
देशद्रोह के मुकदमे के कारण ममता और आचार्य महामंडलेश्वर को हटाया
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने कहा, ”आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और कथित ने असवैधानिक ही नहीं अपितु सनातन धर्म व देश हित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त महिला जो की फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई है, उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया। जिस कारण से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रहा है।”
ममता कुलकर्णी
- फिल्म तिरंगा (1992) से भारतीय सिनेमा में करियर की शुरुआत करने वाली ममता कुलकर्णी एक ख्यात अभिनेत्री और मॉडल रह चुकी हैं।
- 20 अप्रैल 1972 को ममता कुलकर्णी का जन्म मराठी ब्राह्मण परिवार में मुंबई में हुआ था।
- ममता कुलकर्णी को 1993 में फिल्म आशिक आवारा के लिए फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला था।
- ममता सबसे बड़ा खिलाड़ी, करन-अर्जुन, वक्त है हमारा और बाजी आदि फिल्मों में भी लीड रोल निभा चुकी है।
- इस अभिनेत्री ने वर्ष 2002 में फिल्म इंडस्ट्री से नाता तोड़ लिया था।
- ममता कुलकर्णी दोबारा 2016 में तब चर्चा में आई, जब पुलिस ने ममता का नाम ड्रग्स की अवैध सप्लाई के मामले में शामिल बताया।
ढाई दशक विदेश में व्यतीत किए
ममता कुलकर्णी वर्ष 2000 में भारत छोड़ विदेश में बस गईं थीं। उन्होंने 2024 में एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था, जहां उन्होंने बताया था कि वह भारत आकर भावुक महसूस कर रही हैं और इतने वर्षों में काफी कुछ बदल गया है। चर्चा है कि वह इतने वर्षों तक अमेरिका में रहीं। हालांकि, उन्होंने खुद कभी किसी देश में रहने की पुष्टि नहीं की है।