कमरे से दिखेगा महाकाल का शिखर, मराठा वास्तुशैली और मॉर्डन टेक्नोलॉजी-एआई से चलेंगे महाराजा-महारानी सुइट
उज्जैन, अग्निपथ। देशभर से महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को अब जल्द ही उज्जैन में हेरिटेज होटल की सुविधा भी मिलने लगेगी। मंदिर से महज 500 फीट दूरी पर बने महाराजवाड़ा को मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीटीडीसी) ने हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया है। सीएम डॉ. मोहन यादव इस होटल का लोकार्पण कर सकते हैं।
एमपीटीडीसी ने रेनोवेशन के दौरान मराठा वास्तुशैली का पूरा ध्यान रखा है। खास बात यह है कि होटल में दो महाराजा और महारानी सुइट बनाए गए हैं, जो पूरी तरह एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से संचालित होंगे। ऐसे में यहां आने वाले गेस्ट को इतिहास की झलक के साथ ही मॉडर्न टेक्नोलॉजी और लग्जूरियस लाइफ एक्सपीरियंस करने का मौका भी मिलेगा। होटल के कमरों से महाकाल मंदिर के शिखर के दर्शन होंगे।
हालांकि, इसके लिए यहां आने वाले मेहमानों को मोटी रकम अदा करना पड़ेगी। फिलहाल होटल के कमरों का किराया तय नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि प्रीमियम कमरों के लिए एक रात का किराया 50 हजार रुपए तक हो सकता है।
बता दें कि पहले इस बिल्डिंग में सरकारी स्कूल का संचालन होता था। इसे हेरिटेज होटल में तब्दील करने में 18 करोड़ रुपए का खर्च आया है। कलेक्टर नीरज सिंह के अनुसार लोकार्पण के बाद हेरिटेज होटल को शुरू कर दिया जाएगा। होटल परिसर में आयरन वेस्ट से पांच कलाकृतियां बनाई गई हैं। दीवारों पर सुंदर नक्काशी और पेंटिंग की गई है।
आयरन वेस्ट से बनाईं पांच कलाकृतियां
होटल से महाकाल लोक और महाकाल मंदिर का पूरा नजारा देखा जा सकेगा। यहां रुककर सुबह 4 बजे भस्म आरती में पहुंचना भी आसान होगा। रूफ टॉप से शिखर दर्शन के साथ होटल के राइट हैंड तरफ के कमरे से भी शिखर दर्शन हो सकेंगे। परिसर में आयरन वेस्ट से पांच कलाकृतियों का निर्माण भी किया गया है, जिसमें दो त्रिशूल, एक हाथी और दो अन्य मूर्तियां बनाई गई हैं।
होटल में लोहे के भव्य गेट लगाए गए हैं। पहले से लगे मराठाकालीन दो भव्य दरवाजों को भी वैसा ही रखते हुए उन्हें पेंट कर सुंदर बना दिया है।
महाकाल मंदिर से सिर्फ 500 फीट दूर
- महाकाल मंदिर से महज 500 फीट दूरी पर बने पुराने भवन को हेरिटेज होटल में बदलने का काम बीते 9 माह से चल रहा है।
- करीब 350 कर्मचारी दिन रात मेहनत कर इसे अंतिम रूप दे रहे हैं।
- मराठा कालीन इस बिल्डिंग में कई वर्षों से महाराजवाड़ा नाम से स्कूल संचालित हो रहा था।
- भगवान महाकाल के दर्शन करने आने वाले भक्त होटल में रुककर शिखर दर्शन कर सकेंगे।
ऐसा होगा होटल का स्वरूप
- होटल में रिसेप्शन लॉबी, वीआईपी लाऊंज और लाइब्रेरी भी होगी।
- लाइब्रेरी में महाकाल और उज्जैनी की गाथा से जुड़ी कहानी पढऩे को मिलेगी।
- होटल की छत पर पंचकर्म की सुविधा होगी।
- ओपन स्टेज होगा, यहां मालवा की संस्कृति अनुरूप एक्टिविटी हो सकेगी।
- सेंटर किचन होगा जो कि तीनों रेस्टोरेंट से जुड़ा रहेगा।
- एक शॉप भी होगी, जिसमें पूजन सामग्री और अध्यात्म से जुड़ी पुस्तकें उपलब्ध होंगी।
- हर कमरे की सीलिंग पर नक्काशी की गई है। मार्बल फ्लोर पर भी वर्क किया गया है।
- नक्काशी के लिए राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से कारीगर बुलाए गए थे।
- रूफ टॉप, ओपन गार्डन और ग्राउंड फ्लोर पर तीन रेस्टोरेंट
- करीब 5 हजार स्क्वायर फीट के परिसर में 2500 स्क्वायर फीट में बनी बिल्डिंग को होटल को तब्दील किया गया है।
- होटल में प्रीफैब्रिकेटेड स्टील स्ट्रक्चर से फुली एसी रूफ टॉप कैफे बनाया जा रहा है। यह पूरी तरह से कांच से कवर होगा।
- एक रेस्टोरेंट होटल के ग्राउंड फ्लोर पर रहेगा। रूफ टॉप और ग्राउंड फ्लोर के रेस्टोरेंट का एक्सेस सिर्फ गेस्ट को ही मिलेगा।
- कैफे में मालवा के पारंपरिक और अन्य शाकाहारी व्यंजन परोसे जाएंगे। इस रेस्टोरेंट से महाकाल मंदिर के शिखर दर्शन भी हो सकेंगे।
- इसके अलावा दो अन्य रेस्टोरेंट भी होंगे। इसमें से एक ओपन रेस्टोरेंट होटल के पीछे होगा। इस रेस्टोरेंट में सभी लोग आ सकेंगे।
- होटल में बड़ा गार्डन एरिया और पार्किंग सुविधा भी उपलब्ध होगी।
एआई से ऑपरेट होंगे महाराजा-महारानी सुइट
- महाराजवाड़ा द हेरिटेज नाम से बनाए गए होटल में 19 कमरे हैं।
- होटल में कुल 9 सुइट रूम, 6 डीलक्स रूम, 2 सुपर डीलक्स रूम पूरी तरह से तैयार हैं। दो कमरों के इंटीरियर का काम जारी है।
ह्म् कमरों में महंगे सोफे, झूमर, टीवी, फ्रिज सहित आराम और लग्जरी की हर चीज मौजूद रहेगी। - महाराजा और महारानी नाम से दो सुइट रूम बनाए गए हैं। ये पूरी तरह से एआई (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस) से ऑपरेट होंगे।
- सुइट में लाइट ऑन-ऑफ करना, पर्दे बंद करना-खोलना, नल बंद-चालू करना और गीजर ऑन-ऑफ करने जैसे सभी काम एआई के वॉइस कंट्रोल की मदद से होंगे।