शिवनवरात्रि 17 से, 26 को महाकाल के आंगन में महाशिवरात्रि पर्व

बाबा महाकाल का किया मनमोहक शृंगार

27 को होंगे सेहरा दर्शन, भगवान महाकाल कल से अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओ को देंगे दर्शन

उज्जैन, अग्निपथ। विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवरात्रि उत्सव का प्रारंभ 17 फरवरी 2025 से हो रहा है। नौ दिवस भगवान शिव की उपासना, तपस्या एवं साधना के लिये शिवनवरात्रि महापर्व मनाया जाता है। प्रतिवर्ष होने वाले शिवनवरात्रि महोत्सव 2025 में नौ दिनों तक प्रतिदिन भगवान महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देकर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। भक्त श्री महाकालेश्वर भगवान के इन स्वरूपों के दर्शन प्रतिवर्ष श्रावण-भाद्रपद माह में श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारियों में भगवान के नगर भ्रमण के दौरान भी करते है व दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।

इस वर्ष हिंदू पंचांग अनुसार तिथि में वृद्धि होने के कारण 10 दिवसीय शिव नवरात्रि उत्सव मनाया जायेगा। महाशिवरात्रि महापर्व 2025 की तैयारियां श्री महाकालेश्वर मंदिर में लगभग पूर्णता की ओर है। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित मंदिरों एवं शिखरों की रंगाई पुताई से श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर व श्री गर्भगृह चमकने लगा है।

मन्दिर परिसर स्थित कोटितीर्थ कुण्ड व आसपास की सफाई भी लगभग पूर्ण हो गई है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक प्रथम कौशिक लगातार मंदिर में महाशिवरात्रि महापर्व के संबंध में विविध प्रकार की तैयारियों का जायजा लेकर स्वयं निरीक्षण कर रहे हैं। महाशिवरात्रि महापर्व पर सम्पूर्ण भारतवर्ष से लाखों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन के लिये उज्जैन आयेंगे। फाल्गुन कृष्ण पंचमी सोमवार 17 फरवरी से शिव नवरात्रि उत्सव प्रारम्भ होगा और महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी बुधवार 26 फरवरी 2025 को मनाया जायेगा।

श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति प्रशासक प्रथम कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि, महाशिवरात्रि पर्व के नौ दिन पूर्व 17 फरवरी 2025 से शिव नवरात्रि पर्व श्री महाकालेश्वर मन्दिर में मनाया जायेगा। इस दौरान भगवान महाकाल और श्री कोटेश्वर महादेव भगवान का नित्य विशेष अभिषेक और पूजन किया जायेगा। भगवान महाकाल को हल्दी-चन्दन का उबटन लगाया जाएगा।

कोटेश्वर महादेव के पूजन एवं आरती के पश्चात भगवान महाकाल का पूजन-अभिषेक प्रारम्भ होगा। श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सम्पूर्ण शिव नवरात्रि के दौरान किया जायेगा। इसके बाद भोग आरती होगी।

अपराह्न 3 बजे से भगवान महाकालेश्वर के सांध्य पूजन के पश्चात श्रृंगार किया जायेगा। यह क्रम 17 फरवरी के 25 फरवरी शिव नवरात्रि तक नौ दिनों तक नित्य चलेगा। 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जायेगा। महाशिवरात्रि पर्व पर सम्पूर्ण दिवस सतत जलधारा से महाकाल भगवान का अभिषेक होगा व सम्पूर्ण रात्रि महाकाल भगवान का विशेष पूजन-अभिषेक होगे।

27 फरवरी को सेहरा दर्शन

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी गुरुवार 27 फरवरी को महाशिवरात्रि के दूसरे दिन प्रात: भगवान के सप्तधान श्रृंगार व सवामन पुष्प मुकुट (सेहरा) दर्शन होंगे व सेहरा आरती की जायेगी। वर्ष में एक बार दोपहर 12 बजे होने वाली भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी। इस दौरान महाकाल भगवान के पट लगभग 44 घंटे खुले रहेंगे।

1 मार्च को भगवान के पंच मुखारविंद दर्शन

1 मार्च सोमवार को सायं पूजन से शयन आरती तक भगवान श्री महाकालेश्वर के पञ्च मुखारविन्द के दर्शन होगे। इसके साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि उत्सव का समापन होगा।

केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री नाईक ने किये दर्शन

केंद्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने अपने उज्जैन प्रवास के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान महाकाल के दर्शन किये।

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