महाकाल-लोक की नई मूर्तियों में पौराणिक गाथा का वर्णन होगा

क्यूआर कोड भी लगेंगे, ऑडियो गाइड से भक्त जानकारी ले सकेंगे, उड़ीसा-गुजरात के कलाकार कर रहे काम

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल लोक में लगी सभी फाइबर की मूर्तियों को बदलने का कार्य शुरू हो चुका है। नई मूर्तियों को उड़ीसा और गुजरात से आए कलाकार आकार दे रहे हैं। अब यह निर्णय लिया गया है कि सभी मूर्तियों के नीचे पौराणिक कथाओं का वर्णन किया जाएगा, साथ ही ऑडियो गाइड भी उपलब्ध कराई जाएगी।

फरवरी के पहले हफ्ते में उज्जैन आकर दो दिनों तक लगातार बैठक करने वाले अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने महाकाल मंदिर में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने महाकाल लोक में लगाई जा रही नई मूर्तियों को लेकर यह आदेश दिया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए श्री महाकाल लोक की मूर्तियों के नीचे पौराणिक कथाओं का वर्णन किया जाए।

इसके साथ ही ऑडियो गाइड भी स्थापित की जाए, जिसमें क्यूआर कोड स्कैन करके श्रद्धालु कथाओं को ऑडियो के माध्यम से सुन सकें। डॉ. राजौरा ने श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्टोन क्लेडिंग, न्यू वेटिंग हॉल, मंदिर में प्रवेश टनल और फ्लोरिंग कार्य, आपातकालीन निर्गम, पालकी हॉल, विजिटर फैसिलिटेशन सेंटर और श्री महाकालेश्वर भक्त निवास निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे।

महाकाल लोक के लिए बन रही नई मूर्तियां ऐसी होंगी

  • नई मूर्तियां पत्थर से बनी होंगी।
  • इन मूर्तियों को राजस्थान के बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थर से बनाया जा रहा है।
  • प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई १५ फीट या इससे अधिक होगी।
  • एक मूर्ति बनाने में लगभग २३ से ५० लाख रुपए तक खर्च आ सकता है।
  • इन मूर्तियों को बनाने का कार्य ओडिशा के कलाकारों द्वारा किया जा रहा है।
  • पहले चरण में सप्त ऋषियों और एक भगवान शिव की मूर्ति बनाई जा रही है।
  • इसके बाद धीरे-धीरे सभी मूर्तियों को बदला जाएगा।

वर्तमान में लगी मूर्तियां ऐसी हैं

  • महाकाल लोक में 11 करोड़ रुपये की लागत से 106 मूर्तियां लगाई गई थीं।
  • ये मूर्तियां ए$फआरपी (फाइबर रीइन्फोर्ड प्लास्टिक) से बनी थीं।
  • इनकी ऊंचाई 10 से 25 फीट तक थी।
  • इन मूर्तियों को गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने बनाया था।

२ साल पहले तेज आंधी में गिरी थी मूर्तियां

  • 2023 में तेज आंधी से महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषियों की 7 में से 6मूर्तियां गिर गईं थी। 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी थी। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की थी।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर महाकाल लोक का लोकार्पण किया था।

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