9 लोगों ने कचोरियां खाई जिनमें से एक इंटर्न डॉक्टर की तबीयत खराब हुई
उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर ने स्टाफ को नाश्ता करने के लिए ग्रांड होटल के पास स्थित लक्ष्मी बैकरी से 10 बैक कचोरियां मंगवाई। 9 लोगों ने कचोरियां खाई जिनमें से एक इंटर्न डॉक्टर की तबीयत बिगडऩे लगी। शंका होने पर डॉक्टर ने कचोरी खोलकर चैक की तो उसमें फंगस निकली। डॉक्टर ने बैकरी संचालक को अस्पताल बुलाकर इसकी जानकारी दी। संचालक ने बहस के बाद मुश्किल से अपनी गलती मानी।
डॉ. भावेश धावने शनिवार इवनिंग शिफ्ट में चरक अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे थे। लंबी ड्यूटी के दौरान उन्होंने स्टाफ के लिए कचोरी मंगाने की बात कही। स्टाफ के लोगों ने डॉ. धावने को बताया कि लक्ष्मी बैकरी पर बैक कचोरी अच्छी मिलती है। इस पर उन्होंने वहां से 10 कचोरियां मंगवाई। डॉ. धावने ने बताया कि सभी लोगों ने एक-एक कचोरी खाई। उसी दौरान इंटर्न डॉक्टर की तबीयत बिगडऩे लगी। उल्टियां करने पर उन्हें तुरंत वार्ड में शिफ्ट किया और उपचार शुरू किया।
दो-तीन अन्य लोगों ने भी कचोरी खाने के बाद घबराहट और तबीयत बिगडऩे की शिकायत की। सभी लोगों ने एक साथ कचोरी खाई थी। उसके बाद ही सब लोग शिकायत करने लगे। डॉ. धावने ने बताया कि एक बची हुई कचोरी को खोलकर चैक किया। उसमें फंगस थी। इसकी सूचना बैकरी संचालक को दी। अस्पताल इमरजेंसी स्टाफ ने शिवा नायर को कचोरी दिखाई, वार्ड में भर्ती इंटर्न से मिलवाया और बताया कि कचोरी खाने के बाद इसकी तबीयत बिगड़ी है। आपको अपनी गलती मानना चाहिए।
हालांकि नायर ने अब भी गलती नहीं मानी और कहा दूसरी कचोरी दे देते हैं या रुपए वापस ले लो। डॉ. धावने ने उन्हें बताया कि इस प्रकार के दूषित खाद्य पदार्थ खाने के कारण सैकड़ों मरीज प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे हैं।