123 क्विंटल उपज बिना टैक्स के पकड़ी, आठ व्यापारियों से 3 लाख से अधिक की वसूली

कृषि उपज मंडी परिसर की टीम टैक्स चोरी को लेकर सख्त

नागदा, अग्निपथ। कृषि उपज मंडी के बाहर अनाज बेचने वालों के खिलाफ मंडी प्रशासन द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही है जिससे मंडी टैक्स चुराने वालों में हडक़ंप मचा हुआ है। मंडी अधिकारियों द्वारा एक वर्ष में 3 लाख 33 हजार 200 रुपए उपज अवैध रुप से बेचते हुए अनाज व्यापारियों को रंगेहाथों पकड़ा और उनसे पांच गुना टैक्स वसूला, जिससे अनाज व्यापारियों में हडक़ंच मचा हुआ है।

कृषि उपज मंडी में किसानों को नगद भुगतान कराने के साथ ही मंडी आय में बढोतरी को लेकर अधिकारियों द्वारा लगातार पैनी नजर रखी जा रही है मंडी सचिव मनोजकुमार खिंची के अनुसार वर्ष अप्रैल 2024 से मार्च 25 तक 3 लाख 33 हजार 200 रुपए की 123 क्विंटल उपज 8 व्यापारियों से अवैध रुप से पकड़ी।

जिस पर मंडी प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए 5 गुना मंडी शुल्क 16 हजार 960 रुपए, निराश्रित शुल्क 861 रुपए, समझौता शुल्क 4000 रुपए वसूला गया। इस दौरान एक वर्ष में 21 हजार 641 रुपए कुल राशि वसूल की गई।

वित्तीय वर्ष 2025 अप्रैल से अभी तक 41 क्विंटल उपज कीमत 91 हजार रुपए की अवैध रुप से बेचते हुए पाया गया, जिनसें पांच गुना मंडी शुल्क 4550 रुपए, निराश्रित शुल्क 182 रुपए, समझौता शुल्क 1000 रुपए वसूला गया। इस तरह मंडी ने कुल 5 हजार 732 रुपए की रिकवरी की।

मंडी शुल्क चुकाए बगैर पोस्तदाना ले जा रहे थे, 1,26,030 रुपए शुल्क वसूला

एसएसटी, एफएसटी एवं कृषि उपज मंडी की संयुक्त टीम ने चैकिंग के दौरान 31 अक्टूबर 2023 को नागदा- उन्हेल मार्ग पर ग्राम हताई में खसखस से भरी पिकअप पकड़ी। पिकअप में 24 क्विंटल पोस्तदाना (खसखस ) भरी थी। चालक के पास बिल/बिल्टी नहीं मिली। यह पोस्तदाना जावरा से इंदौर जा रहा था।

संबंधित फर्म से 1,26,030 रुपए वसूले हैं। मंडी सचिव मनोज खिंची ने बताया एसएसटी दल प्रभारी आरआई रतनलाल डामोर, पटवारी आकाशसिंह भदौरिया, आदित्य प्रतापसिंह, एसआई भुवानसिंह गरवाल के सहयोग से पिकअप पकडऩे के बाद मंडी शुल्क अपवंचन के संदेह में इसे मंडी प्रांगण ले जाकर खड़ा करवाया।

वाहन में 23,27,500 रुपए का 24 क्विंटल पोस्तदाना भरा था, जिसका मंडी शुल्क जावरा कृषि मंडी को भुगतान नहीं किया था। नियमानुसार पांच गुना जुर्माना राशि 1,16,375 रुपए समझौता शुल्क 5,000 रुपए और निराश्रित शुल्क 4,655 रुपए वसूल किया गया। फर्म के सौरभ मेहता द्वारा भुगतान के बाद मंडी भार साधक अधिकारी एसडीएम एसएन सोनी के निर्देश पर वाहन रिलीज किया गया।

कार्रवाई में मंडी सचिव खिंची, एएसआई नागेंद्रसिंह राठौर, गोपालकृष्ण कालरा, मनीषा मसानिया, प्रीतेश चापरिया का सहयोग रहा।
बिना लाइसेंस के आईटीसी ने की 10 हजार क्विंटल उपज की खरीदी, आवक-जावक पर लगाई रोक बगैर लाइसेंस के आईटीसी चौपाल द्वारा 10 हजार क्विंटल से अधिक उपज की खरीदी करने के मामले में मंडी सचिव खिंची द्वारा 10 फरवरी 2021 इको प्रदेश की सबसे बड़ी कार्यवाही की थी, जिसको लेकर हडक़ंप मच गया था।

मंडी प्रशासन ने आईटीसी की आवक- जावक पर रोक लगा दी थी। मामला मंडी मॉडल एक्ट से जुड़ा हुआ है। बीते वर्ष 5 जून 2022 को मंडी मॉडल एक्ट का अध्यादेश आया था, जिसमें खरीदी-बिक्री के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया था। आईटीसी ने अध्यादेश आने के दो दिन बाद ही अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया।

इधर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को स्थगन आदेश दे दिया। यानी पूर्व के नियम फिर से शिथिल हो गए। आईटीसी ने दोबारा लाइसेंस नहीं लिया और आवक-जावक जारी रखते हुए खरीदी-बिक्री करता रहा। इसकी जानकारी मंडी प्रशासन को मिली तो मंडी सचिव मनोज खिंची ने एक जांच दल गठित किया। जिसमें सहायक उपनिरीक्षक गोपाल कालरा, रामसिंह गुर्जर, निर्मला सोलंकी एवं मंडी कर्मचारी अशोक शर्मा आदि शामिल थे।

दल ने इंगोरिया इन ट्रकों में उपज भरकर जावक की जा रही थी, जिसे मंडी प्रशासन ने पुन: खाली करवा दिया। के बाद बेरोकटोक आईटीसी खरीदी-बिक्री रोड के समीप स्थित आईटीसी कार्यालय पर जाकर जांच की तो मौके पर तीन ट्रक खड़े हुए पाए गए। मंडी प्रशासन के मुताबिक तीन ट्रकों में भरी उपज को खाली करवाया गया है। वहीं दस्तावेज जांचने के बाद यह जानकारी भी सामने आई है कि आईटीसी ने स्थगन आदेश जारी होने के बाद से लेकर अब तक बगैर लाइसेंस के ही 10 हजार क्विंटल की खरीदी की है। जिसके आधार पर टैक्स वसूली की कार्रवाई होना लगभग तय है।

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