खरगोन, अग्निपथ। खरगोन जिले की जनपद पंचायत भीकनगांव की ग्राम पंचायत सुर्वा में हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश सिंह ने ग्राम रोजगार सहायक श्री मुकुल घामंडे के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करने और उनकी संविदा सेवाएँ तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई प्रधानमंत्री आवास योजना और मनरेगा की फलोद्यान योजना में भारी गड़बड़ी पाए जाने के बाद की गई है।
क्या है पूरा मामला?
जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी मनरेगा श्री श्याम कुमार रघुवंशी को मुकुल घामंडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रभारी श्रीमती सुचिता खोड़े ने जब ग्राम पंचायत सुर्वा के हितग्राही कमल पिता लक्ष्मीनारायण के आवास का निरीक्षण किया, तो पाया कि मकान का निर्माण हुआ ही नहीं था। इसके बावजूद, रोजगार सहायक ने किसी दूसरे मकान की नींव, लिंटल और पूरे आवास की जियोटैगिंग कर 1 लाख 20 हज़ार रुपये का भुगतान कर दिया था।
इसी तरह, मनरेगा की फलोद्यान योजना की हितग्राही नीला बाई नरहरि के काम की जाँच करने पर पता चला कि उनके फलोद्यान में 100 प्रस्तावित पौधों के बजाय मात्र 8 पौधे ही जीवित थे। इस कार्य की कुल लागत 1 लाख 18 हज़ार रुपये थी, जिसमें से 54 हज़ार रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके थे।
और भी हैं गंभीर अनियमितताएँ
यह भी खुलासा हुआ है कि रोजगार सहायक मुकुल घामंडे ने 32 प्रधानमंत्री आवास के प्रकरणों में 1 लाख 25 हज़ार 665 रुपये की राशि का भुगतान अन्य जॉब कार्ड धारकों के खातों में कर दिया था। इन सभी गंभीर अनियमितताओं के कारण ही उन पर एफआईआर और सेवा समाप्ति की कार्रवाई की गई है। जांच के दौरान रोजगार सहायक को अपना पक्ष रखने का अवसर भी दिया गया, लेकिन वह न तो मौके पर उपस्थित हुए और न ही अपने बचाव में कोई ठोस प्रमाण या साक्ष्य प्रस्तुत कर सके।
हितग्राही से होगी राशि की वसूली
मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई अनियमितता के संबंध में हितग्राही कमल पिता लक्ष्मीनारायण को भुगतान की गई 1 लाख 20 हज़ार रुपये की राशि वसूल करने के लिए तहसीलदार भीकनगांव को आरआरसी (Revenue Recovery Certificate) जारी करने के निर्देश दिए हैं। यह राशि उसकी चल-अचल संपत्ति की कुर्की और नीलामी से वसूल की जाएगी।