सम्राट विक्रम विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग में लापरवाही का आलम
उज्जैन, अग्निपथ। सम्राट विक्रम विश्वविद्यालय की गोपनीय विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभाग ने उस छात्र का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया, जिसका बीएएलएलबी सातवें सेमेस्टर की लॉ ऑफ कॉन्टेक्ट विषय की परीक्षा में नकल प्रकरण बनाया गया था। इतना ही नहीं, छात्र ने नकल प्रकरण बनाते समय वीक्षक के साथ अभद्रता करते हुए धमकी भी दी थी।
नकलची छात्र का परीक्षा परिणाम जारी करने का खुलासा तब हुआ, जब दो दिन पहले कुछ छात्रों ने विभाग में जाकर इस प्रकरण को उठाया। इसके बाद विश्वविद्यालय में हडक़ंप मच गया। 21 फरवरी को सुमन मानविकी परीक्षा केंद्र पर लॉ ऑफ कॉन्टेक्ट विषय की परीक्षा के दौरान नव संवत विधि महाविद्यालय के छात्र मितेश कालरा को नकल करते रंगे हाथों पकड़ा गया था।
छात्र ने न केवल प्रकरण का विरोध किया था, बल्कि वीक्षक के साथ अभद्रता करते हुए धमकी भी दी थी। इसके बाद केंद्राध्यक्ष ने तत्काल यूएफएम (अनुचित साधनों के उपयोग) प्रकरण दर्ज कर उत्तर पुस्तिका पर हस्ताक्षर कर सील कर दी थी।
अगले सेमेस्टर के लिए पात्र हो गया छात्र
विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग ने अप्रैल में परीक्षा परिणाम जारी किया है, पर अन्य छात्रों को नकलची छात्र का परिणाम जारी होने की जानकारी अभी लगी और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया। नकलची छात्र को उस विषय में 100 में से 40 अंक मिले हैं। इस विषय में वह उत्तीर्ण तो हो गया है, पर एग्रीकेट एटीकेटी (टर्म जारी रखने की अनुमति) मिल गई है।
यानी वह अगले सेमेस्टर के लिए पात्र हो गया है। छात्र भी इसी का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि नकल प्रकरण में परीक्षा निरस्त होनी चाहिए। यहां तो उस छात्र को अगले सेमेस्टर के लिए पात्र कर दिया गया है।
मामले पर विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अर्पण भारद्वाज का कहना है कि वे मामले की जांच कराएंगे और दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी। वहीं परीक्षा नियंत्रक एमएल जैन का कहना है कि यूएफएम का प्रपत्र गोपनीय विभाग तक नहीं पहुंचा, इसलिए तकनीकी कारणों से परिणाम जारी हो गया।