उज्जैन, अग्निपथ। भगवान श्री महाकाल को प्रतिदिन भस्मारती के पहले अर्पित होने वाले हरिओम जल में सेटिंग का मामला सामने आया है। आरोप है कि नित नये चेहरे हरिओम जल अर्पित करने के लिये आ रहे हैं। इन्हे लाने वाले लोग मंदिर से जुड़े कर्मचारी हैं जो अफसरों का निर्देश बताकर नये लोगों को लाते हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में बरसो पुरानी परंपरा है कि यहां पर भगवान श्री महाकाल के पट खुलने के बाद उन्हें भस्मारती के पहले जल अर्पित किया जाता है। जिसे हरिओम जल कहा जाता है। परंपरा के मुताबिक बरसो से सुबह जल लेकर पहुंच रही महिलाएं हरिओम जल अर्पित करती आ रही हैं। जो कि सुबह 4 बजे के पहले मंदिर पहुंच जाती है।
सूत्रों के मुताबिक हरिओम जल अर्पित करने के लिए अब नित नए चेहरे भी आने लगे हैं। जो कि मंदिर से जुड़े कर्मचारियों के साथ आते हैं और चांदी द्वार से प्रवेश कर गर्भगृह में हरिओम जल अर्पित कर हैं। पूछने पर बताया जाता है कि वरिष्ठ अधिकारियों के प्रोटोकाल से ये लोग आये हैं।
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के रुपेश मेहता ने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर प्रमोद शर्मा नामक व्यक्ति की नामजद शिकायत भी की है जिसमें कहा गया है कि वह प्रत्येक श्रावण माह में किसी ना किसी उच्च अधिकारी द्वारा मंदिर समिति पर दबाव बनाकर गर्भगृह से जल चढ़ाने की सुविधा प्राप्त कर लेता हैं, साथ ही प्रतिबंधित द्वारों से प्रवेश कर मंदिर समिति के नियमों की धज्जियां उड़ाता हैं।
दानदाताओं को मिले जल अर्पित करने की सुविधा
श्री महाकालेश्वर मंदिर में हजारों भक्त प्रतिदिन दर्शन के लिए आते हैं और मंदिर के द्वारा स्थापित प्रकल्पों में आर्थिक सहयोग दान के रूप में करते हैं। कई ऐसे भक्त हैं जो लाखों रुपए मंदिर में दान दे रहे है जिन्हें मंदिर समिति की ओर से जो सुविधा प्राप्त होना चाहिए वह नहीं मिल पाती। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि जो दानदाता लाखों रुपए मंदिर को अर्पित कर रहे हैं उन्हें भगवान महाकाल को एक लोट जल अर्पित करने की सुविधा जरूर मिलना चाहिए।
इनका कहना
हरिओम जल अर्पित करने के लिए नियमित आने वाली महिलाएं तय हैं। उनके द्वारा ही जल अर्पित किया जाता है। अन्य किसी को अनुमति का प्रावधान नहीं है।
-एसएन सोनी, उप प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति