मेंटेनेंस के लिये 28 लाख रुपये का प्रस्ताव सीएमएचओ ने भेजा
उज्जैन, अग्निपथ। मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में कोरोना का कहर धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है। भोपाल इंदौर में प्रतिदिन कोरोना के मरीज मिल रहे हैं। इसी को देखते हुए उज्जैन के सरकारी अस्पतालों में भी तैयारी की जाने लगी है, लेकिन कोरोना के दौरान लगाये गये इन अस्पतालों के आक्सीजन प्लांट बंद पड़े हुए हैं, ऐसे में यदि कोरोना के मरीज बढ़ते हैं तो परेशानी पैदा हो सकती है।
कोरोना संक्रमण के दौरान चरक और माधव नगर अस्पताल में लगाये गये आक्सीजन प्लांट बंद पड़े हुए हैं। इनका मेंटेनेंस नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो गई है। सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल ने बताया कि यही स्थिति अमूमन नागदा, महिदपुर और अन्य जगहों पर लगाये गये आक्सीजन प्लांटों की भी है। इनके मेंटेनेंस के लिये उन्होंने 28 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। जिसकी स्वीकृति मिलते ही इन ऑक्सीजन प्लांटों को भी शुरु कर दिया जायेगा।
वहीं उन्होंने बताया कि अस्पताल स्तर पर आरटीपीसीआर किट आदि खरीदने की अनुमति उन्होंने प्रदान कर दी है। वहीं विभाग के पास पर्याप्त मात्र में आक्सीजन कांसंट्रेटर आदि उपलब्ध हैं। समय आने पर इनका उपयोग किया जायेगा। इधर माधव नगर अस्पताल के प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी ने बताया कि पिछले दिनों प्रदेश स्तर पर आक्सीजन प्लांट ठीक करने की जवाबदारी संभाल रही कंपनी के इंजीनियर आये थे और वह इनको देखकर गये थे।
सिलेंडरों से चला रहे काम
इतने बड़े आक्सीजन प्लांट लगे होने के बावजूद इनको काम में लेने की जगह स्वास्थ्य विभाग बाहर से मंगवाये गये आक्सीजन सिलेंडरों से काम चला रहा है, जिस पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं। चरक अस्पताल से ही इन सिलेंडरों को जिले के अन्य अस्पतालों में भी भेजा जा रहा है। यदि इन आक्सीजन प्लांटों को शुरु कर दिया जाय तो इन सिलेंडरों पर निर्भरता कम हो सकती है, जिससे राज्य शासन का लाखों रुपये बचेगा।
दोनों ही अस्पतालों में कोरोना वार्ड
कोरोना से फिलहाल निपटने के लिये माधव नगर अस्पताल में 10 बेड का वार्ड और चरक अस्पताल में 20 बेड का वार्ड तैयार कर लिया गया है। सीएमएचओ डॉ. पटेल ने बताया कि यदि कोरोना के मरीज आते हैं तो उनको भर्ती करने की समुचित व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन के पास है।