3 जवान जिंदा जले, 5 गंभीर; ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया
श्रीगंगानगर/बीकानेर। भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे सीमांत क्षेत्र में बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात युद्धाभ्यास के दौरान बड़ा हादसा हो गया। रात करीब 3 बजे सेना की जिप्सी में आग लग गई। इसमें सेना के तीन जवानों की जलने से मौत हो गई। वहीं, 5 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों में एक सूबेदार और दो जवान शामिल हैं। हादसे के बाद आसपास के ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया गया। हादसा श्रीगंगानगर जिले के छत्तरगढ़ के पास हुआ।
हालांकि, हादसे की वजह का खुलासा अब तक नहीं हुआ है। शुरुआत में खबर आई थी कि जिप्सी के नहर में पलटने से आग लग गई। अगर ऐसा होता, तो पानी से आग बुझ जाती। माना जा रहा है कि जिप्सी में युद्धाभ्यास के लिए बारूद या कुछ अन्य ज्वलनशील पदार्थ रखे थे, इन्हीं की वजह से आग लगी। आग इतनी तेजी से फैली कि जवानों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
सेना ने अब तक मृतक जवानों के नाम भी सार्वजनिक नहीं किए हैं। हादसे के बाद सेना के आला अधिकारी हरकत में आए। घायल जवानों को सूरतगढ़ के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिन तीन जवानों की मौत हुई है। उनके परिजनों को सूचना दी गई है।
जवान बठिंडा की 47-AD यूनिट के बताए जा रहे
सेना के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया कि हादसा रात करीब दो से तीन बजे के बीच हुआ है। युद्धाभ्यास के तहत जवानों का एक वाहन सूरतगढ़-छत्तरगढ़ रोड पर इंदिरा गांधी नहर की आरडी 330 के पास था। तभी ये हादसा हुआ। इसमें तीन जवानों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि पांच अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि यह रुटीन युद्धाभ्यास था, जिसके तहत जवानों को अलग-अलग टास्क दिए जाते हैं। इसी टास्क को पूरा करते समय यह हादसा हुआ है। सेना के ये जवान बठिंडा की 47-AD यूनिट के बताए जा रहे हैं। ये सभी जवान युद्धाभ्यास के लिए सूरतगढ़ आए हुए थे।
ग्रामीणों ने आग बुझाई
हादसे का पता चलते ही आसपास के ग्रामीण सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने ही सबसे पहले आग पर पानी डालकर बुझाया, लेकिन तब तक 3 जवान जल चुके थे। ग्रामीणों की सूचना पर राजियासर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और 5 गंभीर घायल जवानों को अस्पताल ले जाया गया। वहीं, तीन मृत जवानों के पार्थिव शवों को सूरतगढ़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है।