नागदा जं., अग्निपथ। नागदा की माटी के वीर सपूत ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए है। शहर में जब यह खबर फैली तो शहीद के परिजन व उसके दोस्तों का जमावड़ा उसके घर पर लग गया। इधर प्रशासन ने शहीद के अंतिम संस्कार को लेकर तैयारी प्रारंभ कर दी है। संभावना है कि शनिवार सुबह शहीद की अंतिम यात्रा निकलेगी।
मिली जानकारी के अनुसार भारतीय थल सेना 15 कुमाऊॅ रेजीमेंट में पदस्थ बादलसिंह पिता राजेंद्रसिंह चंदेल उम्र 34 वर्ष बुधवार की राित्र में सिक्कीम के ग्लेसियर में सेवाएं देते हुए शहीद हो गए। यह सूचना सुबेदार प्रतापसिंह ने रात्रि 10.15 मिनट पर बादलसिंह के चाचा विरेंद्रसिंह को मोबाईल पर दी और कहा कि आपका बेटा बादल शहीद हो गया है। बर्फ बारी होने से उनकी तबीयत अचानक खराब हुई, जिससे उनका निधन हो गया।
बादल सियाचिन में लगभग 27 हजार फीट उपर ग्लेशियर मे पदस्थ था। बुधवार शाम को बर्फ धंसने से उसे सांस लेने में तकलीफ हुई तो सेना के अधिकारी उसके पास पहुंचे जब तक उसने दम तोड़ दिया था। गुरुवार सुबह बादल का शव नीचे लाए जाने के बाद 15 कुमाऊॅ रेजीमेंट में गार्ड आफ आर्नर दिया गया। उसके बाद बाद बटालियन शव को लेकर देर रात को सडक़ मार्ग से दिल्ली पहुंची। दिल्ली से शुक्रवार सुबह हवाई मार्ग से इंदौर पहुंचेगे। इंदौर से महु की बटालियन सडक़ मार्ग से बादलसिंह के पार्थिव शरीर को देर रात तक नागदा लेकर आएगी। पश्चात शनिवार को उनका अंतिम संस्कार नागदा में किया जावेगा।
गत माह ही गया था डूयुटी पर
शहीद बादल दिसंबर 2020 में छुट्टी पर नागदा आया था। गत माह 13 फरवरी 2021 को बादलसिंह डूयुटी पर लौट गया था। सेना में 15 वर्ष का सेवाकाल पूर्ण होने के बाद बादलसिंह ने इसी वर्ष प्रमोशन ले लिया, वर्तमान में सेना में नायक के रुप में सेवाएं दे रहे थे। बादलसिंह वर्ष 2004 में देवास की भर्ती से सेना में पदस्थ हुआ था।
भारतीय सेना ने बादल को वष 2004 में शंाित सेना में दक्षिण अफ्रीका भी भेजा था। बादल वहां पर लगभग ढाई वर्ष तक सेवा देकर भारत लौटा था। बादल का जन्म 12 जुलाई 2016 को हुआ था। बादल ने भारत कॉमर्स स्कूल में हाई स्कूल तक पढ़ाई की। बादल का बचपन से सेना में जाने का शोक था। उसके लिए वह सुबह 4 बजे उठकर मैदान में दौडऩे भी जाता था।
महज 18 वर्ष की उम्र में उसका चयन भारतीय सेना में हो गया था। बादल का विवाह जीवाजी नगर निवासी दीपिका चंदेल से 27 नवंबर 2016 को हुआ था, वर्ष 2018 में बादल पिता बना। बादल के पिता ग्रेसिम उद्योग में ठेका श्रमिक थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका कार्य बंद हो गया था। बादल का एक छोटा भाई जयसिंह भी ग्रेसिम उद्योग में ठेका श्रमिक है।